26/11 आतंकी हमला: जब प्रणब मुखर्जी ने PAK मंत्री से कहा, जितनी जल्‍दी संभव हो, भारत छोड़ दीजिए

नई दिल्‍ली: 26 नवंबर, 2008 को जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ, उस वक्‍त पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत की यात्रा पर आए थे. उसके अगले दिन तत्‍कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री को फोन कर कहा कि आप जितनी जल्‍दी संभव हो, भारत छोड़ दीजिए. पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नई किताब ”द कोएलिशन ईयर्स, 1996-2012” में इस घटना का जिक्र किया गया है.

अपनी किताब में प्रणब मुखर्जी ने लिखा, जब मुंबई में जब आतंकी हमला शुरू हुआ तो उनका पता चला कि पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस करने वाले हैं. प्रणब मुखर्जी ने तत्‍काल उस प्रेस कांफ्रेंस को रोकने की कोशिशों के तहत एक परिचित पत्रकार को फोन किया. वह पत्रकार उस प्रेस कांफ्रेंस को कवर करने वाले थे. उन्‍होंने पत्रकार को फोन कर कहा कि तुरंत पाक मंत्री से बात करना चाहते हैं.

जब कुरैशी फोन पर आए तो प्रणब मुखर्जी ने उनसे कहा कि मुंबई आतंकी हमले की वजह से उनको तत्‍काल भारत छोड़ देना चाहिए. प्रणब मुखर्जी ने कहा, ”मंत्री महोदय, ऐसे हालत में आपका यहां रहने से कोई भी मकसद हासिल नहीं होने वाला है. मेरी सलाह कि आप तत्‍काल वापस चले जाएं. मेरा एयरकाफ्र्ट आपको वापस ले जाने के लिए उपलब्‍ध है. ऐसे में आप तुरंत इस संबंध में कोई निर्णय कर लें.” किताब में लिखा है कि पाकिस्‍तानी मंत्री ने आभार प्रकट करते हुए प्रणब मुखर्जी से कहा कि पाकिस्‍तानी विमान से वह वापस चले जाएंगे. उल्‍लेखनीय है कि बीजेपी ने तत्‍कालीन यूपीए सरकार पर पाकिस्‍तान के खिलाफ नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया था.

पूर्ण राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी नई किताब में यूपीए दौर के कई राज से भी पर्दा उठाया है. प्रणब मुखर्जी ने 2012 के राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले के वाकये का जिक्र करते हुए लिखा कि दो जून, 2012 को वह कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए गए. उस वक्‍त राष्‍ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी थीं. मीटिंग के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, ”प्रणबजी आप इस पद के लिए सबसे योग्‍य शख्‍स हैं लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकार चलाने में आपकी भूमिका बेहद अहम है. लिहाजा कोई वैकल्पिक नाम सुझाएं?”

प्रणब मुखर्जी ने लिखा, ”मीटिंग खत्‍म होने के बाद मुझे लगा कि सोनिया गांधी यूपीए के राष्‍ट्रपति पद के प्रत्‍याशी के लिए मनमोहन सिंह के नाम पर विचार कर रही हैं. मैंने सोचा कि यदि मनमोहन सिंह को राष्‍ट्रपति बनाया जाएगा तो वह मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए चुन सकती हैं. मैंने इस बारे में भी चर्चा सुनी कि कौशांबी पहाडि़यों में छुट्टियां बिताने के दौरान भी उन्‍होंने इस विचार पर मंथन किया.”

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