बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार (4 दिसंबर) को उत्तर कोरियाई संकट में शामिल अमेरिका समेत दूसरे देशों से इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबंधों के बजाय वार्ता का विकल्प चुनने का आग्रह किया. एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, वांग यी ने अपने मंगोलियाई समकक्ष दमदीन सोगतबातर के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि चीन उस कार्रवाई के विरोध में है जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़े. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की रूपरेखा के अनुसार नए उपायों को अपनाया जाना चाहिए.
प्योंगयांग केपरमाणु कार्यक्रम पर बीजिंग के विरोध को दोहराते हुए वांग यी ने कहा, “कोई भी प्रस्ताव या उपाय जो अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों में नहीं हैं, वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को निष्पादित करने में संकट ही डालेंगे.” इस बीच, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने सोमवार (4 दिसंबर) को एक प्रमुख संयुक्त वायुसेना युद्ध अभ्यास शुरू किया. दक्षिण कोरिया और अमेरिका का यह अभ्यास किम जोंग-उन प्रशासन द्वारा 29 नवंबर को नवीनतम मिसाइल परीक्षण के बाद अपनी ताकत दिखाने का प्रयास है.
उत्तर कोरिया द्वारा अपने सबसे ताकतवर मिसाइल का परीक्षण किए जाने के दो दिन बाद देश की शानदार तकनीकी उपलब्धि की तस्वीर साफ साफ सामने आ गई है और इसके साथ ही यह सवाल उठ रहा है कि क्या इससे अमेरिका को खतरा हो सकता है. हालांकि इस बारे में कई सवाल बाकी हैं, लेकिन सरकार ने इस बात से सहमति जताई है कि ताकतवर ह्वासोंग-15 आईसीबीएम कोरिया के लिए एक मील का पत्थर है, और यह उत्तर कोरिया को परमाणु आधारित लंबी दूरी की मिसाइलों के एक व्यवहार्य शस्त्रागार के लक्ष्य के बहुत करीब पहुंचा देगा.
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (1 दिसंबर) को सांसदों को पेश एक रिपोर्ट में बताया कि उत्तर कोरिया ने बुधवार (29 नवंबर) को द्विस्तरीय तरल ईंधन वाले मिसाइल का परीक्षण किया था. यह मिसाइल 13 हजार किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है और इस वजह से अमेरिका इसकी जद में आ सकता है.
मंत्रालय ने बताया कि यह मिसाइल उत्तर कोरिया के पहले के आईसीबीएम, द ह्वासोंग-14 से बड़ा है और यह बड़ा आयुध ले जाने में सक्षम है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ह्वासोंग-15 के परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया के उस दावे की पुष्टि हो गई है कि नया मिसाइल ‘‘बहुत बड़े और भारी परमाणु हथियार’’ ले जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक अध्ययन संस्थान के एक विश्लेषक माइकल एलीमैन ने बताया कि ऐसा लगता है कि ह्वासोंग-15, एक हजार किलोग्राम भार अमेरिका में किसी स्थान पर गिराने में सक्षम है.