इस्लामाबाद: अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिस सोमवार (4 दिसंबर) को पाकिस्तान पहुंचे और मुंबई हमलों के सरगना हाफिज सईद की पिछले महीने रिहाई के बाद आतंकवादी पनाहगाहों का मुद्दा उनकी फेहरिस्त में शीर्ष पर है. मैटिस रावलपिंडी के नूर खान वायु ठिकाने पर उतरे जहां पाकिस्तान के रक्षा और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उनकी अगवानी की. अमेरिकी रक्षामंत्री पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा समेत असैन्य और सैन्य नेताओं से बातचीत करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में अपनी नई अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा की थी. इसमें उन्होंने अफगान तालिबान को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार बताया था जिसके बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में गिरावट आई है. अमेरिकी रक्षामंत्री मिस्र, जार्डन, कुवैत और पाकिस्तान की पांच दिन की यात्रा पर हैं. व्हाइट हाउस ने हाल में पाकिस्तान से कहा था कि वह मुंबई हमलों के सरगना सईद को फौरन गिरफ्तार करे. उसने पाकिस्तान को यह भी जताया था कि ऐसा नहीं होने पर उसके गंभीर परिणाम होंगे.
व्हाइट हाउस के इस बयान के करीब एक हफ्ते बाद पाकिस्तान की यात्रा कर रहे मैटिस ने कहा कि उन्हें पाकिस्तानी नेताओं से बात करने और उनकी समझ जानने की जरूरत है. पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात उद दावा प्रमुख सईद की 10 महीने की नजरबंदी खत्म करने का आदेश दिया था जिसके बाद वह 24 नवंबर को नजरबंदी से आजाद हो गया. उसके सर पर अमेरिका की तरफ से एक करोड़ डॉलर का इनाम है.
मिस्र से पाकिस्तान जाने के रास्ते में मैटिस ने कहा, ‘‘पहली चीज जो हम करने जा रहे हैं वह कुछ बातें सुनना है, जो मैं हमेशा करता हूं. मेरा लक्ष्य साझी जमीन तलाश करने की है. मुझे वहां जाने, बैठने और उन्हें सुनने की जरूरत है. वहां शुरू करना, सुनने से शुरुआत करना है.’’ ट्रंप की दक्षिण एशिया रणनीति जारी होने के पहले 100 दिन पूरे होने के बाद मैटिस पाकिस्तान की यात्रा करने वाले पहले शीर्ष अमेरिकी नेता हैं.
पाकिस्तान की यात्रा से पहले उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमारी कुछ साझी जमीन है. उन्होंने आतंकवादियों के हाथों सैकड़ों, हजारों सैनिकों को गंवाया है. आतंकवादियों ने उनके सैकड़ों, हजारों निर्दोष लोगों की हत्या की है और उन्हें घायल किया है. इस तरह हम जानते हैं कि कुछ साझी जमीन है.’’ उन्होंने कहा कि इसी तरह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच साझी जमीन है क्योंकि आतंकवादी समूह हैं जो किसी देश में रहने और दूसरे पर हमला करने के लिए यहां से वहां जाते हैं.