भारत की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 29 रन तक दो खिलाड़ी पवेलियन लौट गए.भारत को पहला झटका सुरंगा लकमल ने मुरली विजय को नौ रन पर विकेटकीपर डिक्वेला के हाथों कैच कराकर दिया. जबकि श्रीलंका के खिलाफ पूरी सीरीज़ में संघर्ष करने वाले अजिंक्य रहाणे एक बार फिर नाकाम रहे. इस बार उन्हें परेरा ने दस रन के निजी स्कोर पर सदांकन के हाथों कैच कराया.
बहरहाल, लंच तक भारत ने दो विकेट के नुकसान पर 51 रन बना लिए हैं. जबकि ओपनिंग बल्लेबाज़ शिखर धवन 15 रन तो चेतेश्वर पुजारा 17 रन बनाकर क्रीज़ पर मौजूद हैं.
इससे पहले श्रीलंका टीम अपनी पहली पारी में 373 रन सिमट गई है. श्रीलंका को इस स्कोर पर ढेर करने में ईशांत शर्मा और आर अश्विन ने तीन-तीन विकेट का योगदान दिया. जबकि मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट अपने नाम किए.
मैथ्यूज और चंडीमल की जोड़ी ने भारतीय टीम की नाक में दम कर रखा था जिसे अश्विन ने मैथ्यूज को विकेटकीपर साहा के हाथों कैच कराकर तोड़ा. 111 रन के निजी स्कोर पर मैथ्यूज के आउट होने के बाद समरवीरा ने अपने कप्तान का साथ निभाने की भरसक कोशिश की, लेकिन उन्हें 33 के निजी स्कोर पर ईशांत ने साहा के हाथों कैच करवाकर मैच में अपने विकेट की संख्या दो कर ली. लेकिन तीसरे दिन गेंदबाज़ी में कोई हीरो रहा तो वो हैं अश्विन. उन्होंने ना सिर्फ मैथ्यूज को विदा किया बल्कि सिल्वा और डिकेवला को बिना खाता खोले पवेलियन की राह दिखाई. जबकि दिन के अन्य दो विकेट शमी और जडेजा के खाते में गए.
जब श्रीलंका ने अपनी दूसरी पारी में 14 रन के भीतर अपने दो विकेट गंवा दिए थे तो लगा था कि दिल्ली टेस्ट में भारत को जीत आसानी से मिल सकती है. लेकिन एंजेलो मैथ्यूज और कप्तान दिनेश चंडीमल ने अपनी छवि के अनुरूप एक बार फिर संकटमोचक का रॉल अदा किया. दोंनो ने चौथे विकेट के लिए 181 रन की पार्टनरशिप करके ना सिर्फ भारत को बैक फुट पर धकेला बल्कि श्रीलंकाई समर्थकों को भरोसा दिलाया कि इस टीमें अभी भी दम बाकी है. मैथ्यूज और चंडीमल ने भारत के खिलाफ भारत में अपना पहला शतक जड़ा है. इससे पहले चंडीमल ने भारत के खिलाफ अगस्त 2015 में गॉल में 162 रन की नाबाद पारी खेली थी. बतौर कप्तान दूसरा टेस्ट शतक लगाने वाले चंडीमल ने अब तक अपने 43 टेस्ट के करियर में नौ शतक और 15 अर्धशतक लगाए हैं.