मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की पुण्यतिथि मनाने पर रोक लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी.
मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति आर. हेमलता की प्रथम पीठ ने तमिलनाडु सरकार को पांच दिसंबर को जयललिता की पुण्यतिथि मनाने से रोकने की मांग करने वाली आर. कुमारवेल की याचिका खारिज कर दी.
पीठ ने कहा, अदालत ऐसे विवादों पर फैसला नहीं दे सकता है कि दिवंगत मुख्यमंत्री के लिखे पत्र, वास्तव में उन्होंने लिखे थे या नहीं. इस अदालत के पास ऐसी विशेषज्ञता या अनुभव नहीं है कि वह अंगूठे के निशान, जो संभवत: लिये गये होंगे के आधार पर मृत्यु तय कर सके. पीठ ने कहा कि इस याचिका में कोई जनहित नहीं है.
जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच करने के लिए सरकार की ओर से गठित आयोग का हवाला देते हुए पीठ ने कहा, आयोग मृत्यु के कारणों और तिथि की जांच करेगा. याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसे मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी या अन्नाद्रमुक की ओर से पार्टी के स्तर पर जयललिता की पुण्यतिथि का आयोजन करने पर कोई एतराज नहीं है.