प्योंगयांग: उत्तर कोरिया ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को परमाणु हथियारों से जापान को नष्ट करने की चेतावनी दी. उत्तर कोरिया पर अधिक दबाव डालने के लिए वार्ता का विकल्प खारिज करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को रजामंद करने के जापान के प्रयासों के मद्देनजर प्योंगयांग ने यह धमकी दी है. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) द्वारा जारी आलेख में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन पर प्रतिक्रिया में यह बात कही है. आबे ने अपने संबोधन में उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रमों को छोड़ने के लिए ‘वार्ता नहीं दबाव’ का रास्ता अपनाने की सलाह दी थी.
एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग की सरकार ने आबे पर अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ‘कोरियाई प्रायद्वीप में संकट’ के विचार के इस्तेमाल का आरोप लगाया. उत्तर कोरिया का यह भी कहना है कि इसकी आड़ में जापाना अपना सैन्यीकरण करने और भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के कारण संकट का सामना कर रहे वर्तमान जापानी शासकों को बचाने की कोशिश हो रही है. इस आलेख में यह भी कहा गया कि आबे रक्षा बजट बढ़ाकर और समय पूर्व चुनाव कराने का ऐलान करने से अपने ‘कुटिल राजनीतिक उद्देश्यों’ को जता चुका है.
किम जोंग की धमकी पर बोला जापान, उत्तर कोरियाई हाइड्रोजन बम का सामना करने को तैयार
इससे पहले जापान सरकार ने शुक्रवार (22 सितंबर) को कहा था कि वह प्रशांत महासागर में उत्तर कोरिया की तरफ से एक हाइड्रोजन बम का परीक्षण किए जाने के खतरे का सामना करने को तैयार है. समाचार एजेंसी एफे न्यूज के मुताबिक, सरकार के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जापानी अधिकारी करीब से स्थित पर नजर बनाए हुए हैं और उत्तर कोरियाई शासन की धमकी अस्वीकार्य है. सुगा ने कहा, “दक्षिण कोरिया और अमेरिका की सहायता से जापान जापानी लोगों की सुरक्षा के लिए हर प्रयास करेगा.”
उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री री योंग-हो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण पर किम जोंग उन द्वारा प्रतिक्रिया के रूप में उनका देश प्रशांत क्षेत्र में हाइड्रोजन बम परीक्षण कर सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता को ‘रॉकेट मैन’ कहा था और प्योंगयांग को ‘पूरी तरह तबाह’ करने की धमकी दी थी. री ने कहा कि यह प्रशांत क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली परीक्षण होगा. री की यह टिप्पणी किम के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने ट्रंप को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया और कहा कि उन्हें (ट्रंप) अपने ‘पागलपन’ वाले भाषण के लिए जबरदस्त कीमत चुकानी पड़ेगी.