नई दिल्लीः त्योहारों के इस सीजन में खरीददारी के लिए बाजार सज चुके हैं. लोग घर सजाने से लेकर कपड़ों, बिजली के सामान, फर्नीचर जैसी आवश्यक वस्तुओं को बदलने के लिए इस सीजन का ही इंतजार करते है. इस त्योहारी सीजन में एक त्योहार धनतेरस भी आने वाला है. इस दिन लोग सोने-चांदी के गहनेें और वस्तुओं के अलावा बर्तन खरीदने को शुभ मानते हैं. इसलिए पूरे साल बर्तन विक्रेता इस दिन का इंतजार करते हैं. इसी दिन का इंतजार बर्तन व्यापार से जुड़े, होलसेलर और मैन्यफैक्चरर को भी रहता है. लेकिन इस बार की धनतेरस आपकी जेब ज्यादा हल्की कर सकती है. क्योंकि धनतेरस पर स्टील के बर्तन खरीदना इस बार आपके लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है.
दरअसल स्टील के आयात पर कई बंदिशों के बाद घरेलू कंपनियों की ओर से स्टील शीट के दाम बढ़ाए गए हैं. ऐसे में बर्तन निर्माताओं की लागत बढ़ने से इस साल धनतेरस की खरीदारी महंगी पड़ेगी. इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बर्तन बनाने वाले और होलसेलर्स का दावा है कि पूरी वैल्यू चेन में कीमतें 20-25% तक बढ़ी हैं. वहीं होलसेल में बर्तनों की बिक्री अब तक 50% कम रही है. ऐसे में ट्रेडर जीएसटी के चलते भी लागत बढ़ने की बात कर रहे हैं. इसके अलावा गिफ्ट्स पर भी जीएसटी लगने से उनकी कीमत 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ी है.
मैन्युफैक्चरर को भी चिंता
दिल्ली में स्टील हब वजीरपुर में बर्तन निर्माता संघ के प्रेजिडेंट सतीश जैन ने कहा, ‘अप्रैल से अब तक स्टील कीमतों में लगातार इजाफा होता आया है. स्टील इम्पोर्ट पर ऐंटी-डंपिंग ड्यूटी और अब बीआईएस नॉर्म्स लागू होने के बाद घरेलू कंपनियों ने स्टील प्लेट और शीट के दाम बढ़ा दिए हैं, वहीं बर्तन मैन्युफैक्चरर्स और निर्यातकों को कच्चे माल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. जहां अगस्त सितंबर में स्टील कीमतें 30,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन के स्तर पर थीं, इस साल 40,000 के स्तर को पार कर गईं.’यूटेंसिल मैन्युफैक्चरर रघुवर अग्रवाल ने बताया कि ऐंटी डंपिंग ड्यूटी सिर्फ शीट पर लागू होने से कई फर्मों ने चीन से सीधे फिनिश्ड और सेमी-फिनिश्ड बर्तन मंगाना शुरू कर दिया है. इससे बर्तन निर्माताओं को तो नुकसान हो रहा है, लेकिन उपभोक्ता तक भी वे महंगे पहुंच रहे हैं.
थोक बाजार में होगा असर
स्टील के बर्तनों के सबसे बड़े थोक बाजार में ट्रेडर महंगाई बढ़ने और डिमांड घटने की बात कर रहे हैं. डिप्टीगंज स्टेनलेस स्टील यूटेंसिल्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट सुधीर जैन ने बताया, ‘फिलहाल बर्तन की कीमतें पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा हैं और डिमांड 50% तक कम. होलसेल सप्लाई के पीक सीजन में यह हाल है तो त्योहारों पर सेल्स का अंदाजा लगाया जा सकता है.’ उन्होंने बताया कि अब ट्रेडर नोटबंदी और जीएसटी के असर से उबर नहीं पाए हैं और ग्राहक की परचेजिंग पावर भी घटी है. ऐसे में इस साल धनतेरस का व्यापार बहुत अच्छा होता नजर नहीं आ रहा.
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होलसेलर रवि गोयल ने बताया कि पिछले धनतेरस के मुकाबले सभी आइटमों के दाम 20-25 प्रतिशत बढ़े हैं. 18 से 28 प्रतिशत जीएसटी रेट के चलते कई गिफ्ट आइटमों के दाम 30-35 प्रतिशत तक बढ़े हैं. महंगाई का असर पूरी वैल्यू चेन पर पड़ा है और यही वजह है कि डिमांड में सुस्ती बावजूद प्रॉडक्ट की कीमतें घटने का नाम नहीं ले रहीं. कुछ ट्रेडर्स का कहना है कि जीएसटी का फायदा मैन्युफैक्चरर्स को मिला है, लेकिन यह उस स्तर का नहीं है कि उसका असर कीमतों में दिखे.