अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए एक बुरी खबर है. जानलेवा और काफी दुर्गम रास्तों से गुजर कर जब वे अमरनाथ गुफा पहुंचेंगे तो न वहां शिव के जयकारे लगा पाएंगे, न घंटियां बजा पाएंगे और न ही कोई मंत्र पढ़ पाएंगे. इसके अलावा अब गुफा में प्रसाद ले जाने पर पाबंदी लगा दी जाएगी. एनजीटी कोर्ट ने कहा है कि अमरनाथ गुफा अब पूरी तरह से साइलेंट जोन होगी.
आपको बता दें कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को ऐसे सख्त निर्देश एनजीटी ने दिए हैं. एनजीटी ने यह निर्देश भी दिया है कि भक्त अब पवित्र गुफा तक अपने मोबाइल फोन भी नहीं ले जा पाएंगे. श्रद्धालुओं को अपना मोबाइल फोन और अन्य जरूरी सामान अब अंतिम चेक पोस्ट पर जमा करना होगा. इसके आगे उन्हें कुछ भी ले जाने की इजाजत नहीं होगी. एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड से एक स्टोर रूम बनाने के लिए भी कहा है जहां भक्तों के सामान रखे जाएंगे.
इसके अलावा एनजीटी ने श्राइन बोर्ड को इस बात का भी निर्देश दिया है कि अंतिम चेक पोस्ट के बाद भक्तों की केवल एक लाइन हो जिसमें एक के पीछे एक दर्शनार्थी अमरनाथ गुफा की ओर बढ़ें. एनजीटी ने श्राइन बोर्ड से अमरनाथ गुफा के अंदर लगी लोहे की रॉड भी हटा दी जाए. आपको बता दें कि एनजीटी कोर्ट में आज अमरनाथ श्राइन मामले में सुनवाई हो रही थी.
इससे पहले भी एनजीटी ने दिए थे निर्देश
गौरतलब है कि एनजीटी ने नवंबर के महीने में वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं की सीमा (50 हजार प्रतिदिन) तय करने के बाद अमरनाथ यात्रा पर भी सख्ती दिखाई थी और श्राइन बोर्ड से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश का पालन अभी तक क्यों नहीं किया गया? इसके साथ ही ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मंदिर परिसर में नारियल तोड़ने, श्रद्धालुओं की सुविधाओं, वहां शोर मचाने और शौचालयों जैसे मुद्दों पर भी सवाल पूछे थे.