युद्ध से बचना चाहता हैं उत्तर कोरिया

संयुक्त राष्ट्र: उत्तर कोरिया से लौटे संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार (13 दिसंबर) को कहा कि प्योंगयांग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि युद्ध रोकना महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्होंने बातचीत के लिए कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया. संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों के प्रमुख जेफ्री फेल्टमैन ने अपनी यात्रा पर सुरक्षा परिषद को जानकारी देने के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘वे इस बात पर सहमत है कि युद्ध रोकना महत्वपूर्ण है.’’ फेल्टमैन ने अपनी यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो और उप विदेश मंत्री पक म्योंग कुक से मुलाकात की. वर्ष 2011 के बाद से संयुक्त राष्ट्र के किसी शीर्ष अधिकारी की यह पहली यात्रा है.

फेल्टमैन ने कहा कि उन्होंने उत्तर कोरियाई अधिकारियों से कहा कि उनकी यात्रा को नई बातचीत की केवल शुरुआत के तौर पर देखा जाना चाहिए. अधिकारी ने कहा ‘‘उन्होंने हमारे तर्कों को गंभीरतापूर्वक सुना. लेकिन उन्होंने किसी प्रतिबद्धता का प्रस्ताव नहीं दिया.’’ संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों के अवर महासचिव ने कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया से अनुरोध किया कि वह विश्व शक्तियों और संयुक्त राष्ट्र के साथ बातचीत करने पर विचार के लिए तैयार होने के संकेत दें.

उन्होंने कहा, ‘‘यह समय बताएगा कि हमारी बातचीत का क्या असर होगा लेकिन मुझे लगता है कि हमने आधे दरवाजे खोल दिए हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि इस समस्या का हल निकालने के लिए दरवाजे अब पूरे खोले जाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया का उनका मिशन निश्चित तौर पर अभी तक का सबसे महत्वपूर्ण मिशन था.

वहीं दूसरी ओर किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया को ‘विश्व का सबसे शक्तिशाली परमाणु ताकत’ बनाने का प्रण लिया है. सरकार की मीडिया के हवाले से बुधवार (13 दिसंबर) को यह जानकारी दी गई. इसी के साथ उत्तर कोरिया ने संकेत दे दिए हैं कि वह विश्व के लिए खतरा बने अपने हथियार कार्यक्रमों पर लगाम लगाने के लिए कतई तैयार नहीं है. उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षणों की झड़ी लगाकर और अब तक अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए परेशानी खड़ी कर दी है.इसका पूरा प्रयास अमेरिका पर हमला कर सकने में सक्षम मुखास्त्र तैयार करने का है.

सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक नए मिसाइल परीक्षण को सफल बनाने वाले कर्मियों से किम ने कहा कि उनका देश ‘विजयी तरीके से आगे बढ़ेगा और विश्व की सबसे शक्तिशाली परमाणु ताकत और सैन्य ताकत बनेगा.’
किम की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक ताकतें इस संकट का हल निकालने के लिए संघर्ष कर रही है. अमेरिका उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए किम प्रशासन पर कड़े आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगा चुका है. लेकिन उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण अब भी जारी हैं. ये परीक्षण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं.

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