अमेरिका ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर से कड़ी नसीहत दी है. अमेरिका ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म नहीं करता है और सुधरता नहीं है, तो उसको सबक सिखाया जाएगा.
अमेरिकी रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के साथ एक बार और काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर वह अपने तौर तरीके नहीं बदलता और आतंकी संगठनों को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसके खिलाफ हर जरूरी कार्रवाई को तैयार हैं.
डॉग मैटिस ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी कि अगर वह अपनी धरती पर आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है, तो उसे वैश्विक स्तर पर ‘राजनयिक रूप से अलग-थलग’ किया जा सकता है. साथ ही उससे गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीना जा सकता है.
दक्षिण एशिया एवं अफगानिस्तान पर कांग्रेस के समक्ष बहस में मैटिस ने सदन की प्रभावशाली सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया कि यदि हमारे सर्वोत्तम प्रयास भी नाकाम साबित होते हैं, तो ट्रंप कोई भी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस सदस्यों ने इस बात पर निराशा जताई कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा. उन्होंने मैटिस से इस बाबत कई सवाल भी पूछे.
अमेरिकी रक्षामंत्री ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में काम नहीं करता है, तो अमेरिका के पास तमाम विकल्प मौजूद हैं. फिलहाल मैं उम्मीद करना चाहूंगा कि हम इसमें सफल होंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आतंक के खिलाफ बढ़ते सामंजस्य के चलते वह खुद को राजनयिक स्तर पर अलग-थलग पाएगा.’
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ आने से पाकिस्तान को बहुत फायदा होगा और हमें इसी पर अपना ध्यान केंद्रित करना है, लेकिन अगर वह किसी अन्य दिशा में जाना चाहते है, तो इसका दंड भी उतना ही अधिक है. लेकिन इस समय अमेरिका के लिए जरूरी है कि वह एक बार और कोशिश करे, ताकि उनके (पाकिस्तान) साथ यह रणनीति काम करे.
कांग्रेस सदस्य रिक लार्सन ने पूछा कि पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले कदमों में क्या गैर नाटो का दर्जा छीनना भी शामिल होगा, तो मैटिस ने कहा कि हां पाकिस्तान से निश्चित रूप से नॉन-नाटो (MNNA यानी मेजर नान नाटो एलाय) का दर्जा भी छीना जा सकता है.
पाकिस्तान पर मैटिस के कड़े बयान ऐसे समय में आए हैं, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के प्रयासों के तहत अमेरिकी दौरे पर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अगस्त में अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त नीति अपनाई थी.