जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के 2018 आम चुनाव में हिस्सा लेने की संभावनाओं के मद्देनजर अमेरिका काफी चिंतित है. ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये बात कही है.
जमात-उद-दावा प्रमुख और लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक पहले इसकी पुष्टि कर चुका है कि उसका संगठन जमात-उद-दावा पाकिस्तान में साल 2018 में होने वाले आम चुनावों में मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनर तले चुनाव लड़ेगा. हालांकि मिल्ली मुस्लिम लीग अभी तक निर्वाचन आयोग के तहत पंजीकृत नहीं हुआ है.
विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘‘नवंबर में नजरबंदी से सईद की रिहाई पर अमेरिका ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. सईद मुंबई हमलों का मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा का नेता है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा समूह है जिसे अमेरिकी सरकार आतंकवादी संगठन मानती है. हमारी पाकिस्तान सरकार के साथ कई बार बातचीत हुई है. हाल में हुई घटनाओं में यह व्यक्ति नजरंबद किया गया था. पाकिस्तान ने उसे नरजबंदी से रिहा कर दिया और अब सूचना मिल रही है कि वह किसी बड़े पद के लिए चुनाव लड़ेगा.’’
आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा. महीनों की नजरबंदी के बाद पाकिस्तान ने सईद को 24 नवंबर को रिहा कर दिया था. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने ही सईद को आतंकवादी घोषित किया हुआ है.
नोर्ट का कहना है, ‘मैं याद दिलाना चाहती हूं कि उसे न्याय की जद में लाने लायक सूचना देने वाले को एक करोड़ डॉलर की इनाम राशि देने की योजना है. इसलिए मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं, ताकि सभी को पता हो कि इस व्यक्ति पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है. और हां, हम उसके चुनाव लड़ने को लेकर चिंतित हैं.’