गौतम गंभीर कब लेंगे क्रिकेट से संन्यास

नई दिल्ली : क्रिकेटर गौतम गंभीर इस समय भले टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन वह दिल्ली की टीम का नियमित हिस्सा है, जिसने इस साल 10 वर्ष के बाद रणजी ट्राफी फाइनल में जगह बनाई. गंभीर भले ही फिलहाल चयनकर्ताओं की योजनाओं का हिस्सा नहीं हों, लेकिन मौजूदा सत्र में वह बेहतरीन फार्म में रहे हैं और यह दिल्ली की सफलता के कारणों में से एक है. गंभीर ने कहा, ‘रन बनाते रहो, इसी चीज को आप नियंत्रित कर सकते हो. आप उन चीजों को नियंत्रित नहीं कर सकते जो आपके हाथ में नहीं हैं. आप सिर्फ इसे नियंत्रित कर सकते हो कि मैदान पर उतरो, प्रदर्शन करो.’ उन्होंने कहा, ‘आपको यही करना चाहिए और मैं यही कर रहा हूं.

उम्र पक्ष में नहीं होने के कारण घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद गौतम गंभीर की राष्ट्रीय टीम में वापसी की संभावना काफी कम नजर आती है, लेकिन इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है. भारतीय क्रिकेट के सबसे पूर्ण बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले गंभीर ने कहा कि जो मायने रखता है वह ‘प्रेरणा’ है और जिस दिन वह इसे खो देंगे वह संन्यास लेने से पीछे नहीं हटेंगे.

मैं पिछले साल जो कर रहा था, इस साल उससे अलग कुछ नहीं कर रहा. प्रेरणा वैसी ही है. जिस दिन मुझे यह पहले की तरह महसूस नहीं होगी उस दिन मैं संन्यास ले लूंगा.’’ गंभीर 36 बरस के हैं और इस बात की संभावना बेहद कम है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में दोबारा जगह मिलेगी विशेषकर फिटनेस की दीवानी विराट कोहली की टीम में, लेकिन एक समय खेल के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम का नियमित हिस्सा रहा बायें हाथ का यह बल्लेबाज इससे परेशान नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चयनकर्ताओं से बात नहीं करता और मुझे चयनकर्ताओं से बात करने की जरूरत नहीं है. मेरा काम रन बनाना है और मेरा ध्यान इसी पर है.’ दिल्ली ने पिछली बार 2008 में गंभीर की अगुआई में ही रणजी ट्राफी फाइनल में जगह बनाई थी. वह मौजूदा सत्र में तीन शतक और दो अर्धशतक की मदद से 632 रन बना चुके हैं और सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में आठवें स्थान पर हैं. गंभीर ने कहा, ‘हम फाइनल में जगह बना चुके हैं इसलिए बेशक उपलब्धि बड़ी है. उम्मीद करते हैं कि हम एक कदम आगे जा सकते हैं और 10 साल बाद इसे जीत सकते हैं जो बेहतरीन होगा.’

गंभीर पिछले साल टीम के संचालन को लेकर मतभेद के कारण रणजी कोच केपी भास्कर से भी बहस कर बैठे थे और इसके लिए उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट से चार मैच का निलंबित प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘अंत में कोच या सहयोगी स्टाफ मायने नहीं रखता. जो मायने रखता है वह टीम का प्रदर्शन है. अगर खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे हैं तो यही मायने रखता है.’ रणजी टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी गंभीर ने हालांकि मौजूदा सत्र में सफलता के लिए किसी विशिष्ट खिलाड़ी काम नाम लेने से इनकार किया लेकिन उनका मानना है कि मुंबई और कर्नाटक जैसी टीमों की जमात में शामिल होने के लिए दिल्ली को लंबा रास्ता तय करना है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एक या दो नाम का जिक्र करना पसंद नहीं है क्योंकि एक या दो नाम का जिक्र करना अनुचित है. अधिकांश खिलाड़ियों ने मौकों का फायदा उठाया है और यही कारण हैं कि हम जहां हैं वहां पहुंचे हैं. टीम खेल में मैं व्यक्तिगत खिलाड़ियों के बारे में बात करने में विश्वास नहीं रखता.’ उन्होंने कहा, ‘अब भी लंबा रास्ता तय करना है. निरंतरता ही मायने रखती है.  कर्नाटक, मुंबई जैसी टीमों को देखो, उन्होंने निरंतर रूप से इतनी बार जीत दर्ज की है. वे सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली टीमों में से हैं.’

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