राजस्थान के जालोर में एक कार हादसे में दो महिलाओं की मौत का सच जब सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया. पुलिस ने 24 घंटे बाद इस मामले का खुलासा करते हुए एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया, जो कोई और नहीं बल्कि दोनों महिलाओं का पति है.
जालोर के सेसावा सरहद में मंगलवार को एक कार में आग लगने की घटना हुई. इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की और महज 24 घंटे में ही इस केस का खुलासा कर दिया. पुलिस ने शक आधार पर मृतकाओं के पति से गहन पूछताछ की तो मामला खुल गया.
पुलिस ने इस की जांच शुरू करने के साथ ही चश्मदीदों के बयान दर्ज किए. उसी की वजह से पुलिस को दोनों महिलाओं के पति दीपाराम पर ही शक हुआ और पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
दरअसल, सेसावा सरहद में मंगलवार की दोपहर चलती कार में आग लगने से दो महिलाएं जिंदा जल गईं थी. सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया. पुलिस के अनुसार सेसावा निवासी दीपाराम अपनी दो पत्नियों मालूदेवी (28) और दरियादेवी (25) के साथ अस्पताल में इलाज करवाकर वापस घर लौट रहा था.
इसी दौरान रास्ते में अचानक कार में आग लग गई. दीपाराम कार से उतर गया और पीछे का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया और उसमें बैठी उसकी दोनों पत्नियों की जिंदा जल जाने से मौत हो गई.
दीपाराम की पहली पत्नी की दिमागी हालत सही नहीं थी. इस कारण उसने बच्चों की जिम्मेदारी के चलते दूसरी शादी की थी और शादी के बाद से वह परेशान था. इसी के चलते आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया. वह घटना के बाद पुलिस को भी गुमराह करता रहा.
दीपाराम गुजरात में कमठे का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था. पहली पत्नी मालूदेवी से उसको एक बच्चा था. दूसरी शादी के बाद दरियादेवी से एक बच्चा और एक बच्ची और हुई. ऐसे में दोनों की एक साथ मौत के बाद इन तीनों मासूमों की जिम्मेदारी उस पर आ गई है.
जालौर के एसपी विकास शर्मा के मुताबिक दीपाराम के दोनों पत्नियों से कुल तीन संतानें हैं. इनमें से एक सात साल का बेटा है, जो सबसे बड़ा है. वहीं एक तीन साल और एक साल भर की दूधमुंही बच्ची है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बिना मां के इन बच्चों की देखभाल का जिम्मा अब कौन सम्भालेगा.