नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में गुरुवार को पटियाला हाऊस की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. सीबीआई स्पेशल जज ओपी सैनी ने 1.76 लाख करोड़ रुपये के इस घोटाले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया कि ‘अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा’. अदालत के इस फैसले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की तरफ से प्रतिक्रिया आई और उन्होंने कहा कि ‘मेरी बात सही साबित हुई. मैंने पहले ही कहा था कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं था’.
सिब्बल ने कहा कि ‘मैंने पहले ही कहा था कि 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में कोई घोटाला नहीं हुआ था. मेरी जीरो लॉस की थ्योरी साबित हुई.’ उन्होंने आगे कहा, तत्कालीन सीएजी विनोद राय माफी मांगे. घोटाले को लेकर शक का माहौल पैदा किया गया.
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि घोटाले की बात गलत थी, आज यह साबित हो गया.
उल्लेखनीय है कि 1.76 लाख करोड़ रुपये के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के छह साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट ने गुरुवार को सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित करने में आरोप रहे. इस मामले में डीएमके नेता ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत 17 आरोपी थे. कोर्ट के फैसले के बाद बचाव पक्ष के वकील हरिहरन ने कहा कि सारा मामला धारणा पर आधारित था. कोर्ट ने पाया कि इस संबंध में कोई भी सबूत पेश नहीं किया जा सका. लिहाजा सभी आरोपियों को बरी किया जाता है. कोर्ट में इस फैसले से पहले लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई और फैसले के बाद उनके समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया.
ये घोटाला यूपीए सरकार के दौरान हुआ था. सीबीआई के विशेष जज ओपी सैनी द्वारा 2जी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाया. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे