नई दिल्ली: लोकसभा में नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि देश के हवाई अड्डों के आसपास इस साल करीब 18 यूएफओ देखे गये हैं. हवाई अड्डों के आसपास इस साल 15 दिसम्बर तक 18 ड्रोन या अज्ञात उड़न वस्तुएं यानी यूएफओ उड़ते देखे गए, जो विमानों के लिए खतरनाक हैं. लोकसभा में चिंतामणि मालवीय, बी. विनोद कुमार, चामाकुरा मल्ला रेड्डी, मीनाक्षी लेखी, कुण्डा विश्वेश्वर रेड्डी, टी जी वेंकटेश बाबू और उदित राज के एक लिखित सवाल के जवाब में नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बताया.
उन्होंने जवाब में ये भी कहा कि साल 2016 में ऐसे यूएफओ की संख्या नौ थी, जबकि 2015 में यह संख्या दो थी. सिन्हा ने बताया कि समर्पित नागर विमानन अपेक्षा (सीएआर) के प्रभावी होने तक गैर सरकारी एजेंसियों, संगठनों, व्यक्तियों द्वारा ड्रोनों या मानव रहित विमान प्रणालियों (यूएएस) के नागरिक प्रयोग को प्रतिबंधित किया गया है. उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई निश्चित अंतरराष्ट्रीय मानक उपलब्ध नहीं है.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हाल में नागर विमानन मंत्रालय के संज्ञान में दो घटनाएं आईं, जिनमें विमान के अंदर या हवाई अड्डा परिसर में यात्रियों से दुर्व्यवहार किया गया. उन्होंने बताया कि इस वर्ष 15 अक्तूबर को आईजीआई हवाई अड्डा, नई दिल्ली पर इंडिगो के यात्री से दुर्व्यवहार मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, वहीं एक अन्य यात्री नाबालिग अभिनेत्री के मामले में सहयात्री के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.