वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार शाम GST के नियमों में बदलाव की घोषणा की. GSTके नियमों में बदलाव के बाद कई सामान सस्ते होंगे. नमकीन, गुजराती व्यंजन खाखरा, स्टेशनरी सामान, आयुर्वेदिक दवाई आदि सस्ते होंगे. गौर करें तो जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council Meet) में वित्त मंत्री ने GST के नियमों में बदलाव कर सीधे तौर से अभिभावकों को लाभ पहुंचाया है, क्योंकि जिन सामानों पर GST की दरें घटाई गई हैं, उनमें ज्यादातर बच्चों के इस्तेमाल की हैं. वित्त मंत्री ने कहा 27 वस्तुओं पर GST दरें कम की गई है. वित्त मंत्री ने छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने वाले कई फैसले लिए हैं. उन्होंने छोटे और मझोले कारोबारियों को टैक्स फाइल करने में भी राहत दी है.
ये 7 सामान हुए सस्ते
- पैक्ड फूड सस्ता हुआ, GST 18 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया.
- डीजल ईंजन और पंप के पार्ट्स सस्ते होंगे.
- जरी के काम पर GST 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया.
- स्टेशनरी का सामान सस्ता होगा. 28 फीसदी से 18 प्रतिशत GST किया गया.
- बिना ब्रांड वाली नमकीनों पर GST 12 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया. वित्त मंत्री ने खासकर खाखरा का नाम लेकर कहा कि यह स्स्ता होगा.
- बिना ब्रांड की आयुर्वेदिक दवाइयां सस्ती होंगी, 12 फीसदी से 5 फीसदी GST किया गया.
- बच्चों के खाने के सामान पर पर GST 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
कारोबारियों को राहत देने वाली 5 बातें
- 10 अक्टूबर से जुलाई महीने का और 18 अक्टूबर से अगस्त महीने का एक्सपोर्टर को रिफंड चेक दे दिए जाएंगे. यह तात्कालिक व्यवस्था है.
- स्थाई व्यवस्था के रूप में हर एक्सपोर्टर का एक ही ई वॉलेट बनेगा. ई वॉलेट की व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से शुरू होगी. इसी में रिफंड का पैसा आएगा. इन निर्यातकों की बड़ी रकम फंसी हुई है.
- सरकार ने कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाया. नए नियम के मुताबिक सालाना एक करोड़ का टर्नओवर करने वाले कारोबारियों को हर महीने के बजाय तीन महीने पर भी रिटर्न फाइल कर सकेंगे.
- कंपोजिशन स्कीम के तहत एक करोड़ टर्न ओवर वाले कारोबारियों को ट्रेडर्स का एक फीसदी और निर्यातकों को 2 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके अलावा रेस्टोरेंट मालिकों को 5 फीसदी टैक्स देना होगा. पहले यह सीमा 75 लाख रुपए थी.
- 1.5 करोड़ तक के कारोबार में अब 3 महीने में फाइल करना होना रिटर्न, पहले हर महीने करनी होता था. 31 मार्च 2018 तक रिवर्स चार्ज प्रणाली को टाल दिया गया है. ऐसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जिनका टर्न ओवर 20 लाख से कम है उन्हें छूट दे दी गई है.
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धनतेरस से पहले मोदी सरकार ने ज्वेलरी कारोबारियों को दिया यह तोहफा
दिवाली और धनतेरस से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकर ने देश भर के ज्वेलरी कारोबारियों को राहत दी है. सर्राफा कारोबारियों को मनी लांड्रिंग एक्ट से बाहर कर दिया है. सरकार ने KYC नियमों में बदलाव किया है. नए नियम के तहत 2 लाख रुपए तक की ज्वेलरी खरीदने के लिए पैन कार्ड या आधार कार्ड का विवरण नहीं देना होगा. अब तक यह सीमा 50 हजार रुपए थी. यानी अब अगर आप ज्वेलरी शॉप से 2 लाख रुपए तक की ज्वेलरी खरीदेंगे तो आपको पैन नंबर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा, मोदी सरकार छोटे कारोबारियों को कुछ शर्तों के साथ जीएसटी रिटर्न फाइल करने में छूट देने की तैयारी में है. इस फैसले से देशभर के करीब 5 करोड़ छोटे कारोबारियों को फायदा होगा. माना जा रहा है पीएम मोदी कल यानी शनिवार को गुजरात दौरे पर इसका ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, सालाना 1.3 करोड़ रुपये का टर्नओवर करने वाले कारोबारियों को हर महीने के बजाय तीन महीने पर भी रिटर्न फाइल करने की सुविधा देने पर भी विचार कर रही है. निर्यातकों को मार्च 2018 तक GST में छूट देने की संभावना है.
मालूम हो कि कुछ दिन बाद ही धनतेरस आने वाली है. हमारे देश में धनतेरस पर बड़े पैमाने पर ज्वेलरी की खरीद होती है. ऐसे में मोदी सरकार का यह फैसला ज्वेलरी कारोबारियों को राहत दे सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले को गोल्ड ज्वेलरी की घटती मांग से भी जोड़कर देखा जा रहा है. पिछले 2-3 सालों की तुलना में इस बार गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड में 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.