विदेशी फंडिंग पर सरकार की सख्ती

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने विदेशों से चंदा प्राप्त करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), कारोबारी निकायों और व्यक्तियों से एक माह के भीतर 32 चयनित बैंकों में से किसी भी बैंक की शाखा में खाता खुलवाने का निर्देश दिया है. इनमें एक विदेशी बैंक भी शामिल है. सरकार का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है. मंत्रालय ने इसके साथ ही एनजीओ से यह भी कहा है कि उन्हें प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल ऐसी गतिविधियों में नहीं होना चाहिये जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुंचे.

मंत्रालय के आदेशानुसार एनजीओ, कंपनियों और व्यक्तियों को बैंकों में विदेशी सहयोग खाते खुलवाने के निर्देश दिए जाते हैं. यह बैंक केंद्र सरकार की लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के साथ एकीकृत किए गए हैं. इसका उद्देश्य उच्च स्तरीय पारदर्शिता सुविधा उपलब्ध कराना और जानकारी देने के अनुपालन को आसान बनाना है. आदेश के अनुसार विदेशी सहायता (विनियम) अधिनियम-2010 विदेशी कोष को स्वीकार करने के नियम उपलब्ध कराता है. इसमें किसी व्यक्ति, संघ, संगठन या कंपनी द्वारा विदेशी आतिथ्य के प्रबंधन संबंधी नियम शामिल है. इस कानून का मकसद इस राशि का राष्ट्रहित के विरुद्ध उपयोग होने से रोकना है. सरकार का निर्देश है कि खाता खुलवाने की इस प्रक्रिया को 21 जनवरी 2018 तक अंजाम दे दिया जाए और उस खाते की जानकारी एक निर्दिष्ट फार्म पर मंत्रालय को सौंप दी जाए.

जिन बैंकों में एनजीओ खाता खुलवा सकते हैं उनमें, अबू धाबी कमर्शियल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, द कॉसमॉस को-ओपरेटिव बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, साउथ इंडियन बैंक, आईडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोओपरेशन बैंक, करुर वैश्य बैंक, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड, कैथोलिक सीरियन बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, इंडसइंड बैंक लिमिटेड, सिटी युनियन बैंक, सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक, डीसीबी बैंक लिमिटेड, मणिपुर स्टेट को-ऑप बैंक, विजया बैंक, बांबे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक, यस बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, आंध्रा बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं.

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