बिजरत (ट्यूनीशिया): ट्यूनीशिया के उच्च विद्यालयों में लड़कों और लड़कियों के लिए एक जैसा ड्रेस कोड नहीं है. सिर्फ लड़कियों के लिए ड्रेस तय है जबकि लड़के अपने मन मुताबिक कपड़े पहनने के लिए आजाद हैं. इस भेदभाव के खिलाफ लड़कियां आवाज उठा रही हैं. यहां के एक स्कूल में एक दिन लड़कियां विरोध जताते हुए अपने तय यूनिफार्म छोड़ कर सफेद टी-शर्ट पहनकर आ गईं और भेदभाव खत्म करने की मांग करने लगी. ट्यूनीशिया के ज्यादातर स्कूलों में छात्र-छात्राओं को स्कूल के नियम पर हस्ताक्षर करने होते हैं. इसमें ड्रेस कोड सिर्फ लड़कियों पर लागू होता है. सितंबर के महीने में सुपरवाइजरों ने स्कूल की उच्च कक्षा की छात्राओं को स्मॉक पहनने के लिए कहा और ऐसा नहीं करने वाली लड़कियों को घर भेज देने की चेतावनी दी. स्मॉक ढीली कमीज जैसा एक लिबास है. हद तो यह थी कि यह चेतावनी दर्शनशास्त्र की कक्षा में दी गई थी. कक्षा मानव शरीर पर आधारित था. 18 वर्षीय छात्रा सीवार तेबुरबी ने एएफपी को बताया कि इस अन्याय ने बहुत लड़कियों को सोशल नेटवर्क पर अपनी बातें रखने के लिए प्रेरित किया है.
विवादित सुरक्षा उपाय आतंकी हमलों के डर के कारण: ट्यूनिशिया
वहीं दूसरी ओर खाड़ी के देश की यात्रा करने करने की कोशिश करने वाली ट्यूनिशियाई महिलाओं के लिए संयुक्त अरब अमीरात की ओर से लिए गए विवादित सुरक्षा उपाय के बारे में ट्यूनिशिया का कहना है कि यह कदम आतंकवादी हमलों के डर से उठाया गया है. यूएई के विमान में सवार होने वाली ट्यूनिशिया की महिलाओं एवं लड़कियों को घंटों इंतजार करवाया जा रहा है, जिससे इस उत्तर अफ्रीकी देश में घमासान मचा है और अमीरात एयरलाईन के ट्यूनिश जाने वाले विमान की सेवा अस्थायी रूप से रोक दी गई है.
ट्यूनिशिया के राष्ट्रपति की प्रवक्ता सईदा गैराक ने एक निजी रेडियो को बताया, ‘संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों को संभावित आतंकवादी हमलों के बारे में गंभीर जानकारी है.’ गैराक ने कहा कि सीरिया और इराक से जिहादियों के वापस लौटने के साथ ही आतंकवादी हमले की प्रबल संभावना की सूचना है और इसमें या तो ट्यूनिशियाई महिला अथवा ट्यूनिशियाई पासपोर्ट लेकर चलने वाली महिला शामिल हो सकती हैं.’ उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि वह फर्जी पहचान पत्र का भी इस्तेमाल करें.