साल 2018 भारतीय इकोनॉमी के लिए काफी अहम साबित होने वाला है. नये साल में भारत की इकोनॉमी दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा. नये साल में यह ब्रिटेन और फ्रांस को भी पीछे छोड़ देगा.
ये कहना है सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (Cebr) कंसलटेंसी का. Cebr ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2027 तक भारतीय इकोनॉमी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी.
कसलटेंसी के डेप्यूटी चेयरमैन डगलस मैकविलियम्स ने वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के शुरुआती झटकों के बावजूद 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए (डॉलर में ) दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी.
Cebr ने वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबली के 9वें संस्करण में कहा कि वैसे तो जीवनयापन के कुछ मानकों को देखें तो भारत पहले ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लेकिन 2018 में पहली बार भारत फ्रांस और ब्रिटेन को (डॉलर में) पीछे छोड़ देगा. यह टेबल दुनिया की अलग-अलग इकोनॉमी के आकार की गणना करता है और अगले 15 सालों में हो रहे बदलाव को लेकर अपना अनुमान जारी करता है.
कंसलटेंसी ने कहा है कि भारतीय इकोनॉमी के लिए यह काफी बड़ी बात है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2000 में भारतीय अर्थव्यवस्था यूएस इकोनॉमी के 12 फीसदी के बराबर ही थी. रिपोर्ट में जीडीपी की रफ्तार का अनुमान डॉलर में लगाया गया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए साल 2018 काफी फायदेमंद साबित होने की उम्मीद है. Cebr की तरह ही अन्य कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने 2018 में इकोनॉमी के लिए अच्छे दिनों के आने की बात कही है.
विश्व बैंक, नोमुरा और आईएमएफ समेत अन्य संस्थाओं ने नये साल में नोटबंदी और जीएसटी का बुरा असर खत्म होने की बात कही है और इकोनॉमी के बढ़ने का अनुमान लगाया है.