पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोस्ती के लिए धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी कटिबद्धता छोड़ दी है. हालांकि राज्य में सत्तारूढ़ जदयू ने आरोप को खारिज किया और तिवारी पर 1980 के दशक में सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले भागलपुर दंगों के दोषियों को आश्रय देने वालों का साथ देने का आरोप लगाया.
आरजेडी उपाध्यक्ष तिवारी ने एक बयान में आरोप लगाया कि नीतीश पहले अजान के लिए मुअज्जिन के आह्वान को सुनकर भाषण देने से रुक जाते थे, लेकिन कल उनमें काफी बदलाव दिखा. वह राज्य की राजधानी में एक पुल का उद्घाटन करने के बाद भाषण दे रहे थे, लेकिन पास की मस्जिद से अजान के लिए मुअज्जिन का आह्वान सुनकर भाषण देने से नहीं रुके.
तिवारी के आरोपों को खारिज करते हुए जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह नीतीश ही थे जो मुख्यमंत्री के रूप में भागलपुर दंगों के आरोपियों को न्याय के कठघरे में लेकर आए. आरोपियों को राज्य की पूर्व राजद सरकार ने आश्रय देने का काम किया था. तिवारी षड्यंत्रकारियों को बचाने वालों का साथ दे रहे हैं.