बीजिंग: डोकलाम विवाद के एक बार से मीडिया में आने के बाद चीन ने शनिवार (7 अक्टूबर) को कहा कि भारत के साथ अच्छा और स्थिर रिश्ता दोनों देशों के हित में है. उसने दो मोर्चो पर लड़ाई संबंधी भारतीय वायुसेना प्रमुख की टिप्पणी को बहुत खास तवज्जो नहीं दी. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे के लिए बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं. वे सबसे बड़े विकासशील राष्ट्र और उभरते बाजार हैं. मंत्रालय ने कहा, ‘‘चीन-भारत के बीच अच्छा और स्थिर संबंध दोनों देशों के लोगों के हित में है. क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी यही उम्मीद है.’’ चीनी विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ के उस बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर एकसाथ लड़ने में सक्षम है.
डोकलाम ‘हथियाने’ के लिए लिए चीन ने चला यह दांव, भारत से तनातनी के आसार
इससे पहले भारत के साथ टकराव खत्म होने के बाद पिछले एक महीने में डोकलाम इलाके में अपने सैनिकों की उपस्थिति का बचाव करते हुए चीन ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को कहा कि बीजिंग की संप्रभुता के अधिकार के तहत उसके सैनिक इलाके में गश्त कर रहे हैं. इस इलाके पर भूटान भी अपना दावा करता है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘डोंगलांग (डोकलाम) इलाका हमेशा से चीन से जुड़ा रहा है और चीन के प्रभावी अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत है.’’ मंत्रालय ने एक लिखित जवाब में कहा, ‘‘कोई विवाद नहीं है. चीन के सीमा बल डोंगलांग में गश्त करते रहे हैं, अपने संप्रभु अधिकारों का इस्तेमाल करते रहे हैं और ऐतिहासिक सीमा के अनुसार क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करते रहे हैं.’’
भूटान के दावे वाले इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सड़क बनाने की योजना को लेकर 16 जून से लेकर 73 दिन तक चीन और भारत की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति रही थी. भारत से आ रही हाल की खबरों के मुताबिक चीन ने इलाके में अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा किया है. गुरुवार (5 अक्टूबर) भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा था कि चीनी सैनिक वर्तमान में चुंबी घाटी में मौजूद हैं जो डोकलाम के पठार में है. उन्होंने कहा था कि मुद्दे के शांतिपूर्ण निपटारे में दोनों देशों का हित है.