नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को ट्रिपल तलाक (तीन तलाक) पर बिल को मंजूरी दे दी है। बता दें कि कुछ वक्त पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक यानि ट्रिपल तलाक पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे बैन कर दिया था और अब ट्रिपल तलाक के खिलाफ जिस बिल को मंजूरी मिली है उसे इस बार शीतकालीन सत्र में रखा जाएगा।
ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल से फायदा
- इस बिल से पीड़िता अपने और अपने बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांग सकती है और उसके लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकती है।
- ट्रिपल तलाक के खिलाफ यह ड्राफ्ट बिल जम्मू कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू होगा।
- इस ड्राफ्ट बिल के मुताबिक, किसी भी तरह का ट्रिपल तलाक गैरकानूनी होगा यानि बोलकर, लिखकर, ई मेल के जरिए दिए गए तलाक को गैरकानूनी माना जाएगा।
- ट्रिपल तलाक यानि तीन तलाक के खिलाफ इस ड्राफ्ट बिल में तुरंत ट्रिपल तलाक देने के दोषियों को तीन साल तक की सजा और जुर्माना लगाने का प्रस्ताव शामिल है। ये एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा।
बता दें कि राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में बनी मंत्री समूह ने लंबी चर्चा के बाद ट्रिपल तलाक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। बीते अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक इस बिल में तुरंत ट्रिपल तलाक को आपराधिक करने के लिए कड़े प्रावधान शामिल किए गए।
अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी करार दिया और बैन कर दिया, बावजूद इसके तीन तलाक के कई मामले सामने आए। इन्हें रोकने ने लिए सरकार ने तब कहा था कि तीन तलाक पर जो जल्द ही कानून ला सकती है जो कड़ा होगा।