5 साल से छोटे बच्चों के लिए पासपोर्ट बनवाने के नियमों में ढील दी गई

केंद्र सरकार ने उन अभ‍िभावकों को बड़ी राहत दी है, जो अपने बच्चों का पासपोर्ट बनवाने की तैयारी कर रहे हैं. 5 साल से छोटे बच्चों को अब पासपोर्ट बनवाने के लिए बायोमैट्रिक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने लोकसभा में यह जानकारी दी.केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में दिए एक लिख‍ित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 5 साल तक की उम्र  वाले बच्चों को पासपोर्ट एप्ल‍िकेशन को प्रोसेस करने के लिए यह छूट दी गई है

हालांकि इन बच्चों को पासपोर्ट बनवाने के दौरान मौजूद रहना होगा. क्योंक‍ि पासपोर्ट पर प्रिंट करने के लिए इनका फोटो लिया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने कहा कि विदेश मंत्रालय को पासपोर्ट बनवाने के लिए बच्चों का फिंगरप्रिंट न लेने को लेकर अपील की गई थी. इसके बाद मंत्रालय ने इस पर विचार विमर्श किया और उसके बाद ही यह फैसला लिया गया है.

रांची के पासपोर्ट ऑफिस में पासपोर्ट देरी से मिलने के सवाल पर उन्होंने बताया कि साल 2016 के दौरान यहां 74,899 आवेदन आए. इनमें से 2188 आवेदन ऐसे थे, जिनमें खामियां थीं.  उन्होंने बताया कि बाकी 72,711 आवेदकों को 30 दिन के भीतर पासपोर्ट जारी कर दिया  गया था.

इससे पहले जून महीने में केंद्रीय विदेशी राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने बताया था कि अगले दो साल के भीतर देश के सभी 800 जिलों में पासपोर्ट बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

केंद्र सरकार की इन सभी जिलों के हेड पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट सेवाएं मुहैया कराने की योजना है. उन्होंने बताया था कि इस साल 150 पोस्ट ऑफिस सेवा केंद्र खोले जा रहे हैं और दो साल के अंदर सभी 800 प्रधान डाकघरों में ये सेवा आरंभ कर दी जाएगी.

सिंह ने कहा था कि हमने ये सुनिश्चित करने का फैसला किया है कि किसी भी नागरिक को पासपोर्ट के लिए दूर तक यात्रा न करनी पड़े. आज सुदूर इलाकों में रहने वाले लोग पासपोर्ट संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए दूर-दूर तक जाने को मजबूर हैं.

केंद्र सरकार के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए विदेश मंत्रालय और डाक विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों के प्रधान डाकघरों में पहले से ही कई जगह पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं.

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts