मुरादाबाद में दहेज ना लाने पर पति ने दिया तीन तलाक

नई दिल्लीः तीन तलाक जैसी कुप्रथा के चलते मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों से निजात दिलाने की कवायद कोर्ट से लेकर संसद तक में जारी है. लेकिन देश के किसी ना किसी कोने से आज भी तीन तलाक का कोई ना कोई मामला सामने आ ही जाता है. ताजा मामला यूपी के मुरादाबाद का है जहां एक महिला को उसके पति ने दहेज ना देने के चलते तीन तलाक दे दिया है. अब महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

आपको बता दें कि एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट इस प्रथा को असंवैधानिक करार दे चुका है वहीं केंद्र सरकार भी इसे लेकर संसद में कानून बनाने की एक सीढ़ी पार कर चुकी है. लोकसभा में गुरुवार को Instant Triple तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को गैरकानूनी बनाने वाला Bill पास हो चुका है.

मुरादाबाद में वारिशा नाम की महिला ने शुक्रवार को शिकायत की कि उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया है. महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच हो रही है और कानून के हिसाब से कार्रवाई पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. महिला का आरोप है कि उसके पति ने दहेज के नाम पर उसे तलाक दिया है. महिला के मुताबिक पति ने कहा है कि अपने मायके से या तो एक कार लेकर आओ या फिर दस लाख रुपए.

मीडिया को दिए अपने बयान में वारिशा ने कहा कि ‘मेरे पति ने मुझे दहेज को लेकर ट्रिपल तलाक दिया. उसने मुझे बोला कि या तो कार लाओं या फिर 10 लाख रुपए कैश लेकर आओ. अगर तुम मुझे नहीं छोड़ोगी तो मैं तुम्हे छोड़ दूंगा.’

गौरतलब है कि भारत में तीन तलाक पर बैन लगाने वाले विधेयक मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 को गुरुवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. इस विधेयक की खास बात यह है कि इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाले विधेयक को गुरुवार को लोकसभा ने पारित कर दिया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक को लेकर भरोसा दिया कि ‘यह धर्म के बारे में नहीं है, बल्कि महिलाओं के आदर व न्याय के लिए है.’ इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने विधेयक का विरोध किया और इस पेश किए जाने पर आपत्ति जताई. विधेयक तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है. यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण व बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है.

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