मध्यप्रदेश : सरकारी खर्च पर रिश्तेदारों की सैर

भोपाल: मध्य प्रदेश में जिन मंत्रियों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक गौरीशंकर शेजवार भी शामिल हैं. उन पर आरोप लगा है कि सरकारी खर्च पर अपने रिश्तेदारों को कर्नाटक घुमाने के मामले में शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है.

डॉ शेजवार सात दफे विधायक, नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. वे वर्तमान में वन और आंकड़ों (सांख्यिकी) के मंत्री हैं लेकिन फिलहाल आंकड़ों के फेर में ही फंस गए हैं. उन पर पिछले साल 11 से 15 फरवरी तक एमपी ईको टूरिज्म बोर्ड के खर्चे पर कर्नाटक की यात्रा के दौरान अपनी पत्नी और रिश्तेदार को घुमाने का आरोप लगा है. आरोप है कि बोर्ड के सीईओ विनय वर्मन ने सारे नियम ताक पर रखकर यात्रा का पूरा भुगतान ईको टूरिज्म बोर्ड से करा दिया. मामला सामने आने के बाद उन्होंने दो लाख के खर्च में से 63,884 रुपये 26 अप्रैल 2016 को बोर्ड में जमा करा दिए थे.

मंत्रीजी को लगता है कि इसमें कोई अनियमितता नहीं है. लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि मंत्रीजी गलत नहीं थे तो भुगतान क्यों किया? डॉ शेजवार ने कहा ”जिनको सरकारी पात्रता थी वे सरकारी खर्च से गए, जिन्हें पात्रता नहीं थी वे निजी खर्चे से गए, जिसका भुगतान किया गया. ऑडिट में कोई आक्षेप नहीं है, कोई अनियमितता नहीं थी. मेरा ना तो इरादा था, ना ऐसा हुआ है.” लोकायुक्त की जांच पर उन्होंने कहा ”एजेंसी है, उसकी प्रक्रिया है मैं बुरा नहीं मानता.”

वहीं आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने पूरे मामले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मंत्रीजी सही थे तो पैसा कैसे वापस किया? गलती थी तो क्या सरकार को सूचित किया? जो पैसा वापस किया उसका आकलन कैसे किया? पत्नी-साली सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

कांग्रेस ने मामला सामने आने के बाद शेजवार का इस्तीफा मांगा है. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कहा सरकार ने लोगों के लोकायुक्त के प्रकरण रोके हैं. इतने वरिष्ठ मंत्री हैं उनको पूरी जानकारी है, जानबूझकर अपने परिवार का खर्च उठवाते हैं. इनका इस्तीफा लिया जाना चाहिए.

मामले में लोकायुक्त ने सरकार से 16 जनवरी तक मंत्री और परिवार की कर्नाटक यात्रा से जुड़े सारे दस्तावेज मांगे हैं. नए साल में शिवराज सरकार में विस्तार की सुगबुगाहट तेज है. ऐसे में देखना होगा कि नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य, सूर्यप्रकाश मीणा, ओम प्रकाश धुर्वे और अब गौरी शंकर शेजवार जैसे नेता, जिन पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, अपनी कुर्सी बचा पाते हैं या नहीं.

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