उत्तर कोरिया को लेकर चीन और अमेरिका एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को झूठा करार दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन उत्तर कोरिया को तेल ले जाने दे रहा है.
गुरुवार को चीन पर निशाना साधते हुए ट्रंप ने ट्वीट किया था, ”रंगे हाथ पकड़ा गया- बेहद निराशाजनक है कि चीन उत्तर कोरिया को तेल ले जाने दे रहा है. अगर ऐसा होता रहा, तो उत्तर कोरिया की समस्या का कभी दोस्ताना तरीके से हल नहीं निकाला जा सकता.”
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बाद में न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में यह भी कहा कि उन्होंने इस बाबत फॉक्स न्यूज पर खबर देखी है. शुक्रवार को चीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे पूरी तरह गलत हैं. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि इस मामले में हाल की खबरें तथ्यों से मेल नहीं खाती हैं.
उन्होंने कहा कि चीन ने अपने नागरिकों या कंपनी को किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होने दिया, जिससे संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रस्तावों का उल्लंघन होता हो. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर कई पाबंदियां लगाई हैं.
चुनयिंग ने कहा कि चीन ने अपने एक जहाज द्वारा उत्तर कोरिया के एक जहाज पर तेल डालने की खबर देखी है, जो बिल्कुल झूठी है. मालूम हो कि उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु परीक्षण करने के चलते अमेरिका के साथ उसका तनाव जारी है. उत्तर कोरिया के तानाशाह और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच काफी समय से जुबानी जंग भी चल रही है.
दक्षिण कोरिया ने चीन में पंजीकृत जहाज को किया सीज
दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के जलपोत को तेल ट्रांसफर करने के आरोप में चीन के हांगकांग में पंजीकृत एक जहाज को सीज कर दिया है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह जहाज संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा था. इस जहाज ने 19 अक्टूबर को उत्तर कोरियाई जहाज को तेल आपूर्ति की थी.