नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को बताया ‘कायर’

लाहौर: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार (29 दिसंबर) को पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को ‘‘ कायर’’ कहा. उन्होंने देश की न्यायपालिका से आह्वान किया कि उन्हें स्वनिर्वासन से स्वदेश वापस लाकर उनके अपराधों के लिए उन्हें सजा दी जानी चाहिए.मुशर्रफ पर पाकिस्तान में नवंबर 2007 में आपातकाल लागू करने, न्यायाधीशों को गिरफ्तार करने और उनकी शक्तियां सीमित करने के लिए देशद्रोह के आरोप हैं. अगर वह दोषी ठहराए जाते हैं तो उन्हें की मौत की सजा तक हो सकती है. मुशर्रफ :75: 1999 में तख्तापलट करके सत्ता में आए थे. वह पिछले साल से दुबई में रह रहे हैं. उन्हें इलाज कराने के लिए पाकिस्तान छोड़कर जाने की अनुमति मिली थी.

शरीफ (68) ने मुशर्रफ को ‘‘ कायर’’ बताया और कहा कि उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. शरीफ ने कहा, ‘‘मुशर्रफ बड़े कायर हैं जो विदेश में छिपे हुए हैं. अगर उन्हें जरा सा भी साहस बचा है तो उन्हें वापस लौटकर उनके खिलाफ लगे आरोपों का सामना करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि मुशर्रफ ने संविधान का उल्लंघन किया और उन्हें इसके लिए सजा होनी चाहिए. शरीफ ने शपथ ली, ‘‘हम जल्द ही इस देशद्रोही के खिलाफ मामला चलाएंगे.’’ उन्होंने न्याय पालिका से मुशर्रफ को स्वदेश वापस लोकर उन्हें उनके पापों के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए. शरीफ ने ये टिप्पणियां ऐसे समय कीं जब एक दिन पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने मुशर्रफ पर उनकी मां बेनजीर भुट्टो की हत्या का आरोप लगाया था.

मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला नवाज को प्रधानमंत्री पद से हटाने की वजह : मरियम
इससे पहले बीते 27 दिसंबर को नवाज शरीफ की बेटी ने दावा किया है कि उनके पिता को प्रधानमंत्री के पद से इसलिये हटाया गया क्योंकि उन्होंने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने 67 वर्षीय शरीफ को 28 जुलाई को पनामा पेपर्स मामले में प्रधानमंत्री पद के लिये अयोग्य ठहरा दिया था.

शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने अपने पिता को पद से हटाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सोशल मीडिया टीम से कहा, ‘जब उन्होंने (शरीफ ने) संविधान का उल्लंघन करने के लिये मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया तो उनके खिलाफ इस्लामाबाद में (2014 में) धरना शुरू हो गया और आखिरकार उन्हें इकमा (यूएई में काम के लिये परमिट) रखने के लिये अयोग्य ठहराया गया.’ उन्होंने कहा कि उनके पिता के साथ ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि वह नहीं झुके और किसी से निर्देश नहीं लिया.

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