गांधीनगर, [शत्रुघ्न शर्मा]। वित्त मंत्रालय छिन जाने से उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल नाराज हो गए हैं, देर रात्रि उनके पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से लंबी चर्चा की खबर है। इसके चलते मुख्यमंत्री विजय रुपाणी व उपमुख्यमंत्री दोनों ही मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं गए तथा अपने बंगलों पर रहकर ही लोगों से मिले। शनिवार को एक फ्लावर शो में पहुंचे सीएम ने फोन आने पर अचानक उठकर लंबी बात की जिससे कई तरह की अटकलें शुरु हो गई है। उधर कांग्रेस हालात पर नजर रखे हुए है।
विधानसभा चुनावों में जीत के बाद गाहे बगाहे भाजपा ने शपथ ग्रहण के एक भव्य समारोह के जरिए अपनी ताकत का प्रदर्शन कर दिया लेकिन अंदरखाने मंत्रियों में विभगों को लेकर नाराजगी उभरकर सामने आ गई है। वित्त व शहरी विकास मंत्रालय छिन जाने से पाटीदार नेता व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री रुपाणी व पार्टी आलाकमान के सामने जाहिर कर दी है।
शुक्रवार को पूरा दिन इसी ऊहापोह में निकल गया कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री कब सीएमओ स्वर्णिम संकुल पहुंचेंगे, शनिवार को भी नितिन कार्यालय नहीं पहुंचे। इसी बीच अहमदाबाद में एक फ्लावर शो में पहुंचे मुख्यमंत्री रुपाणी एक फोन आते ही तुरंत मंच से उठकर दूसरी ओर जाकर बात करते नजर आए, फोन पर लंबी बात से यह तय है कि किसी बडे नेता का फोन आया इसीलिए सीएम को समारोह के बीच में उठकर बात करना पडा।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के गढ मेहसाणा से जीतकर आए नितिन पटेल को लग रहा है कि नई सरकार में उन्हें कट टू साइज कर दिया गया हैं, वित्तमंत्रालय उनसे छीनकर सौरभ पटेल को दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद भी नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा जोरों पर थी लेकिन ऐनवक्त पर उनको उपमुख्यमंत्री की जवाबदारी सौंपी गई तथा सीएम का पद विजय रुपाणी को मिल गया था अब वित्तमंत्रालय व शहरी विकास मंत्रालय छिन जाने से नितिन पटेल पार्टी व सरकार से रूठ गए हैं।
कांग्रेस हालात पर नजर बनाए हुए है
गुजरात सरकार के नए मंत्रिमंडल की पहली बैठक गुरुवार देर रात्रि स्वर्णिम संकुल में हुई जिसमें मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने मंत्रियों को विविध विभागों सौंपे। सौरभ पटेल की मंत्रिमंडल में न केवल जोरदार वापसी हुई बल्कि वित्त व ऊर्जा विभाग भी उनके खाते में चला गया। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से वित्त व शहरी विकास विभाग छिन गया, मंत्रिपद नहीं मिलने से कुछ विधायकों के नाराजगी की चर्चा के बीच भूपेंद्र सिंह चूडास्मा, कौशक पटेल, गणपतसिंह वसावा,आर सी फलदू को अहम मंत्रालय मिले हैं।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ग्रहमंत्रालय, सामान्य प्रशासन, सूचना एवं प्रसारण के साथ शहरी विकास विभाग सहित एक दर्जन मंत्रालय संभालेंगे, जबकि उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल सडक व भवन, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मेडिकल शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर, राजधानी योजना जैसे विभाग देखेंगे लेकिन इस बार उनके पास शहरी विकास व वित्त मंत्रालय छिन गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अमूमन नितिन भाई मीडिया को ब्रीफ करते हैं लेकिन पहली केबिनेट बैठक को लेकर उन्होंने मीडिया से कोई चर्चा तक नहीं की। मंत्रिमंडल में वापसी करने वाले सौरभ पटेल फिर से वित्त व ऊर्जा मंत्रालय संभालेंगे, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विधानसभा क्षेत्र नारणपुरा से विधायक कौशिक पटेल राजस्व विभाग जैसे अहम मंत्रालय का काम देखेंगे।
भूपेंद्र सिंह चूडास्मा शिक्षा व नागरिक उड्डयन के साथ कानून मंत्रालय का भी काम देखेंगे। जबकि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आर सी फलदू क्रषि, ग्रामीण विकास व पशुपालन विभाग देखेंगे, किसान व पाटीदारों की नाराजगी के चलते फलदू के लिए यह मंत्रालय किसी चुनौती से कम नहीं हैं।
उधर, पहली बार रुपाणी सरकार में सामाजिक न्याय व सामाजिक शैक्षणिक पिछडा कल्याण मंत्री बने दलित चेहरे ईश्वरभाई परमार को दलित व आरक्षण आंदोलन के चलते चुनौती का सामना करना पड सकता है। चूंकि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति ने शनिवार को प्रदेश कोर कमेटी की बैठक बुलाई है जिसमें समिति के पुनर्गठन के साथ आरक्षण आंदोलन की आगामी रुपरेखा का भी ऐलान होगा। सरकार के ओबीसी चेहरे दिलीप ठाकोर को श्रम, रोजगार व यात्राधाम सौंपा गया है।
सौराष्ट्र के दबंग सांसद विटठल रादडिया के पुत्र जयेश रादडिया खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्रालय संभालेंगे उनसे पर्यटन विभाग लेकर गणपतसिंह वसावा को दिया गया है, सिंह वन व आदिवासी विकास तथा महिला व बाल कल्याण का भी काम देखेंगे। राज्यमंत्रियों में प्रदीपसिंह जाडेजा का प्रमोशन नहीं हुआ लेकिन उन्हें ग्रह, ऊर्जा, संसदीय मामले, कानून व न्याय, सीमा सुरक्षा, जेल, एनजीओ कॉ आॅडिनेशन व प्रॉटोकोल जैसे अहम विभाग मिले हैं।
उत्तर गुजरात के परबत पटेल को सिंचाई व जल आपूर्ति, जयद्रथसिंह परमार को पंचायत व पर्यावरण विभाग का स्वतंत्र प्रभार मिला जबकि कौली पटेल नेता पुरुषोत्तम सोलंकी को फिशरीज विभाग दिया गया है। सूरत से विधायक किशोर कानाणी स्वास्थ्य व परिवार कल्याण तथा कच्छ से चुनकर आए वासण आहीर को सामाजिक व शैक्षणिक पिछडों का कल्याण विभाग दिया गया है। एक मात्र महिला मंत्री विभावरी दवे को महिला एवं बाल विकास, प्राथमिक व उच्च शिक्षा व यात्राधाम मंत्रालय सौंपा गया है।