राज्यसभा नामांकन पर AAP में बढ़ी तकरार

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी राज्यसभा नामांकन पर विभाजित प्रतीत होती है. पार्टी के एक तबके का यह मानना है कि उच्च सदन के लिए बाहरी लोगों को नामांकित किया जाना चाहिए. यह बात पार्टी के एक नेता ने कही. दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटों लिए 16 जनवरी को चुनाव होगा. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आप के पास प्रचंड बहुमत है और वह सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज कर लेगी. आप के कुछ नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि राज्यसभा में आर्थिक, कानून और समाज कार्य से जुड़े लोगों को भेजा जाना चाहिए. इससे आप नेतृत्व को राज्यसभा सीटों पर आंतरिक मतभेद से निपटने में भी मदद मिलेगी.

आप ने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने पेशकश स्वीकार नहीं की. ऐसी खबरें थीं कि पार्टी ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर से भी इस सिलसिले में बात की, लेकिन उन्होंने भी पेशकश स्वीकार नहीं की. आप में कई लोग इसे वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास से निपटने की रणनीति के तौर पर भी देख रहे हैं जो राज्यसभा सीट के प्रबल दावेदार हैं. पार्टी नेता ने कहा कि हालांकि कुछ वरिष्ठ नेताओं से विश्वास के असहज संबंधों की वजह से उनका नामांकन मुश्किल लगता है. लेकिन यदि विश्वास के मुकाबले अन्य नेताओं को प्राथमिकता दी गई तो पार्टी में मतभेद गहरा सकता है क्योंकि विश्वास के पास कई विधायकों और स्वयंसेवियों का समर्थन है.

पार्टी का दूसरा तबका आप के वरिष्ठ नेताओं को उच्च सदन भेजने के पक्ष में है. हालांकि बीते गुरुवार को विश्वास के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय में आवाज उठाई कि जिन नेताओं ने भ्रष्टाचार रोधी अभियान में योगदान दिया है, उन्हें राज्यसभा भेजा जाना चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं- संजय सिंह और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के विश्वस्त आशुतोष के नामों की भी चर्चा है. हालांकि, केजरीवाल ने पत्ते नहीं खोले हैं. आप के एक अन्य नेता ने कहा, ‘‘पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई में शामिल नेता भी खुद दौड़ में शामिल हैं.’’ राज्यसभा की तीन सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि पांच जनवरी है.

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts