नई दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि पिछले कुछ सालों में व्यक्तिगत आयकर दाताओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है और साल 2016-17 में यह बढ़कर 6 करोड़ के पार हो गई. लोकसभा में पी. श्रीनिवास के सवाल के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने यह जानकारी दी.
शुक्ल ने कहा, ‘‘30 सितंबर, 2017 की स्थिति के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 (एसेसमेंट इयर 2014-15) में व्यक्तिगत आयकर दाताओं की संख्या 5.39 करोड़ थी और जो साल 2015-16 (एसेसमेंट इयर 2016-17) में बढ़कर 6.8 करोड़ हो गई.’’ उन्होंने कहा कि एसेसमेंट इयर 2016-17 में कुल 94.9 फीसदी इनकमटैक्स पेयर्स ने आयकर भरा था.
साल 2015-16 में केवल 1.7 फीसदी भारतीयों ने ही इनकम टैक्स भरा
हालांकि ये भी तथ्य है कि साल 2015-16 में केवल 1.7 फीसदी भारतीयों ने ही इनकम टैक्स भरा था. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार 120 करोड़ आबादी में से 3 फीसदी से कुछ ज्यादा लोगों ने ही आयकर रिटर्न फाइल किए हैं.
केवल दो करोड़ भारतीयों ने निर्धारण वर्ष 2015-16 में आयकर का भुगतान किया. यह संख्या कुल आबादी का महज 1.7 फीसदी है. आयकर विभाग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
विभाग के अनुसार निर्धारण वर्ष 2015-16, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 की आय पर आधारित है, में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 4.07 करोड़ हो गयी है. इससे पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 3.65 करोड़ थी. लेकिन वास्तव में कर का भुगतान केवल 2.06 करोड़ लोगों ने ही किया है. बाकी लोगों ने अपनी आयकर निर्धारण सीमा से कम होने का हवाला दिया है.
इससे पहले निर्धारण वर्ष 2014-15 में 1.91 करोड़ लोगों ने टैक्स का भुगतान किया था जबकि रिटर्न भरने वालों की संख्या 3.65 करोड़ थी.
हालांकि, निर्धारण वर्ष 2015-16 में व्यक्तिगत आयकर भुगतान राशि कम होकर 1.88 लाख करोड़ रुपये रह गई जो 2014-15 में 1.91 लाख करोड़ रुपये थी. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार 120 करोड़ आबादी में से तीन फीसदी से कुछ ज्यादा लोगों ने ही आयकर रिटर्न फाइल किए हैं. इसमें से 2.01 करोड़ ने कोई इनकम टैक्स का पेमेंट किया वहीं 9,690 ने एक करोड़ रुपये से अधिक टैक्स का भुगतान किया.