वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनकी सरकार किसी भी ऐसे मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अलर्ट पर है, जो ईरान में हो रहे विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में देखने को मिल सकता है. ट्रंप ने रविवार (31 दिसंबर) शाम एक ट्वीट में कहा,‘आतंक को प्रायोजित करने वाला ईरान नंबर एक देश है और वहां हर घंटे मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है, उसने अब सोशल मीडिया पर भी रोक लगा दी है जिससे शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी दर्ज न किया जा सके. यह सही नहीं है.’ इससे पहले ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था कि विरोध प्रदर्शन के बाद अमेरिका ईरान में मानवाधिकारों के उल्लंघनों पर ‘नजदीकी’ से नजर बनाए हुए है.
ट्रंप ने लिखा, ‘ईरान में व्यापक प्रदर्शन जारी हैं. आखिरकार, लोग इस बात को लेकर सतर्क हो रहे हैं कि कैसे उनके धन एवं संपत्ति की चोरी कर उसे आतंकवाद पर लुटाया जा रहा है.’ ट्रंप के इस बयान का व्हाइट हाउस ने भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा, “मानव अधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका करीबी नजर बनाए हुए है.” हसन रुहानी सरकार की आर्थिक नीति और भ्रष्टाचार को लेकर हजारों लोग गुरुवार (28 दिसम्बर) से ईरान के विभिन्न शहरों में सड़कों पर उतर आए हैं.
ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी कि ईरान में जो कुछ भी हो रहा है, दुनिया उसे देख रही है. उन्होंने कहा ‘दमनकारी शासन हमेशा नहीं बना रह सकता और वद दिन आएगा जब ईरान के लोगों के पास विकल्प होगा.’ ट्रंप ने शुक्रवार (29 दिसंबर, 2017) को कहा था कि ईरान में विरोध प्रदर्शन इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां के नागरिक सरकार के भ्रष्टाचार से ऊब चुके हैं और राष्ट्र का धन विदेशों में आतंकवाद को वित्तीय मदद देने पर उड़ाया जा रहा है.
वहीं दूसरी ओर ईरान के राष्ट्रपति ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा है कि ईरान के लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से खुद को अभिव्यक्त करने का अधिकार है. सरकारी आईआरएनए न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा, “ईरान स्वतंत्र राष्ट्र है और संवैधानिक नियमों के अनुसार, लोगों को अपनी आलोचना व विरोध प्रदर्शन को जाहिर करने का अधिकार है.” लेकिन, इसके साथ ही रुहानी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का मकसद देश के हालात व लोगों के जीवन में सुधार लाना होना चाहिए. ईरान के राष्ट्रपति ने अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान में प्रदर्शनों के संदर्भ में की गई टिप्पणी की निंदा की. एक अन्य जानकारी के मुताबिक 31 दिसंबर की रात ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गयी और सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्जा करने की कोशिश की थी.