सड़कों पर सोने को मजबूर अमेरिका की दस फीसदी युवा आबादी

अमेरिका में दस में से एक युवा बेघर है। 18 से 25 साल के युवा सबसे ज्यादा इसके शिकार हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के युवा नीति केंद्र चैपिन हॉल की ओर से 2016-17 के बीच किए गए सर्वे में यह दावा किया गया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कम वेतन, महंगे किराये, पारिवारिक अस्थिरता के चलते युवा बेघर हो रहे हैं। कोई दोस्तों के घर, तो कोई कार में सोता है। वहीं कई सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं।
इस सर्वे में देश भर के 26 हजार लोगों से बात कर जानने की कोशिश की गई कि कितने युवा, बच्चे और परिवार बेघर हैं। परिणाम चौंकाने वाला निकला। पाया गया कि दस फीसदी युवा बेघर हैं। इस लिहाज से गणना करें तो अमेरिका में कुल 35 लाख युवा बेघर हैं। घर से बाहर रहने को मजबूर किशोर-किशोरियों की संख्या 6.6 लाख है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक घर से भागने वाले बच्चों पर वयस्क होने पर बेघर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। कई बार समलैंगिक होने पर भी उन्हें घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है। पहली बार इस तरह के सर्वे में अमेरिका की बेघर युवा आबादी की तस्वीर सामने आई है।

शोधकर्ता मैथ्यू मोर्टल के मुताबिक उनका मकसद इस भ्रम को तोड़ना था कि ज्यादातर बुजुर्ग बेघर होते हैं। सर्वे में पाया गया कि कॉलेज जाने वाले छात्र, स्नातक और छोटी-मोटी नौकरी करने वाले भी स्थायी ठिकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गांव से लेकर शहरों में हर जगह यह समस्या है। बेघर लोगों में बुजुर्ग, युवा और बच्चे सभी हैं। पिछले साल के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भी बेघर परिवारों की संख्या में तीस फीसदी बढ़ोतरी हुई है। वाशिंगटन में अकेले रहने वाले वयस्कों की तुलना में बच्चे और उनके माता-पिता ज्यादा बेघर हैं।

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