वॉशिंगटन : अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि फिलहाल रोक दी है. व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवाए कुछ ना देने और पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बदले में आतंकवादियों को ‘पनाहगाह’ देने का आरोप लगाया. इसके बाद ही अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, ‘अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है’. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए’. अधिकारी ने कहा कि ‘अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा’.
ट्रंप के बयान के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उसे आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के युद्ध के समर्थन में उसके सभी कदमों के बदले ‘अपशब्द और अविश्वास’ के सिवाए कुछ नहीं मिला.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधी सहयोगी के तौर पर अमेरिका को जमीन और वायु संपर्क, सैन्य अड्डे एवं खुफिया सूचना सहयोग दिया, जिससे पिछले 16 वर्षों में अल-कायदा को खत्म करने में उन्हें मदद मिली, लेकिन उन्होंने अपशब्दों और अविश्वास के सिवाए हमें कुछ नहीं दिया. उन्होंने सीमा पार आतंकवादियों की पनाहगाहों की अनदेखी की, जिन्होंने पाकिस्तानियों की हत्या की’. पाकिस्तान पर ट्रंप के कड़े रुख का कई अमेरिकी सांसदों ने समर्थन किया है.