हिला देंगी साइको किलर्स या फिर सीरियल किलर्स की कहानियां

कोई भला कैसे किसी का कत्ल कर सकता है? और वो भी बिना कारण? और यदि वो एक कत्ल करके भी ना रुके? एक के बाद एक कत्ल करता रहे? कौन होते हैं ऐसे लोग जो किसी को मारने से पहले एक पल भी नहीं सोचते? ये साइको किलर्स जब सीरियल किलर्स बन जाते हैं तो ऐसी वारदातों को अंजाम देते जो दिलों को दहला देती हैं, थर्रा देती हैं और खून को जमा देती हैं. ऐसी ही कुछ वारदातों और सीरियल किलर्स की कहानी हम आपको बता रहे हैं.

 

1. रमन राघव – 1929 में तमिलनाडु के एक गांव में राघव का जन्म हुआ था. उसे क्रॉनिक पैरेनाइक सिजोफ्रेनिया नाम की बीमारी थी. कहते हैं कि सबसे पहले उसने अपनी ही बहन के साथ रेप किया था. फिर मुंबई में उसकी दहशत ऐसी फैली कि उसे पकड़ने में पुलिस के पसीने छूट गए. 41 कत्ल की बात तो उसने खुद कुबूल की थी जबकि पुलिस का मानना था कि ये संख्या ज्यादा हो सकती है. उसका कहना था कि ऊपरवाले ने उससे ऐसा करने के लिए कहा था

2. ऑटो शंकर – 80 के दशक में वो दहशत का पर्याय बन चुका था. मद्रास में वो आतंक का दूसरा नाम था. फिल्मी स्टाइल में हत्याएं करना उसे बहुत पसंद था. कभी लोगों को जिंदा दीवार में चिनवा देना तो कभी आग में जलाने के बाद समंदर में फेंक देना उसके पसंदीदा शगल थे. एक वक्त ऑटो से शराब की तस्करी करने वाले ये शख्स लड़कियों की खरीद फरोख्त भी करता था और कत्ल करने में उसे मजा आता था. पुलिस के लिए उसे पकड़ना बहुत कठिन रहा था.

3. साइनाइड मोहन – कर्नाटक का स्कूल टीचर जो मौत बांटता था. लड़कियों को ये अपना शिकार बनाता था. कहते है कि लड़की जिस धर्म की होती थी खुद को ये उसी धर्म का बताता था. कभी नौकरी तो कभी कोई अन्य लालच देकर ये लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था. उनके साथ शारीरिक संबंध बनाता था और फिर गर्भ निरोधक गोली बता कर साइनाइड की गोली खिला देता था. कहा जाता है कि करीब 20 लड़कियों को इसने अपना शिकार बनाया था.

 

4. स्टोन मैन – मुंबई पुलिस कभी इस रहस्य को सुलझा नहीं पाई. 1989 में 9 लोगों का कत्ल बेहद बेरहमी के साथ हुआ था. बड़े पत्थर से लोगों का सिर कुचल कर ये हत्याएं की गई थीं. पुलिस परेशान थी कि आखिर ये हत्याएं कौन कर रहा है लेकिन उसके पास कोई सुराग नहीं था. ये हत्यारा गरीब लोगों को, फुटपाथ पर सोने वालों को अपना निशाना बनाता था. पुलिस कभी ये तक नहीं पता कर पाई कि ये हत्याएं एक शख्स ने कीं या अलग अलग लोगों ने.

 

5. रविंद्र – साल था 2015 और दिल्ली में एक के बाद एक लड़कियां गायब हो रही थीं. कोई रेप के बाद कत्ल की वारदातों को अंजाम दे रहा था. पुलिस को शक था कि सभी मामले एक-दूसरे से अलग हैं. ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने रविंद्र को गिरफ्तार किया तो सामने आई ऐसी सच्चाई जिसने पुलिस को भी हिला दिया. रविंद्र ने जब मुंह खोला तो पता चला कि करीब 30 लड़कियों और बच्चों को उसने अपनी हवस का शिकार बनाया और फिर मार डाला.

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