मुंबई: पुणे के निकट सोमवार को हुई हिंसक घटनाओं के बाद दलित ग्रुपों ने मंगलवार सुबह मुंबई में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को रोककर ट्रैफिक को पूरी तरह ठप कर दिया. इसी दौरान पत्थरबाज़ी की भी ख़बरें हैं, तथा आत्मदाह की कोशिश कर रहे एक प्रदर्शनकारी को समय रहते बचा लिए जाने का भी समाचार है
ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर यातायात दोपहर बाद ही चालू हो पाया. पुलिस ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर कहा, “अफवाहों पर यकीन न करें… ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ट्रैफिक प्रदर्शनकारियों की वजह से प्रभावित हुआ था… अब वह चल रहा है… चैम्बूर नाके पर यातायात अब भी प्रभावित है… घबराने की कोई बात नहीं है… सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले पुलिस अधिकारियों से तथ्यों तथा सच्चाई की पुष्टि करें…”
इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कोरेगांव हिंसा की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देंगे. युवाओं की मौत मामले में सीआईडी जांच करेगी. मृतकों के परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.
सोमवार दोपहर को दलितों का एक समूह पुणे के निकट एक समारोह में भाग लेने जा रहा था, जो भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया था. उसी समूह पर हमला कर उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को हुई वारदात में एक शख्स की मौत हुई, और दो वाहनों को आग लगा दी गई, जबकि करीब 40 अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई.
वर्ष 1818 में हुआ भीमा-कोरेगांव युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा तथाकथित सवर्ण पेशवा सैनिकों के बीच हुआ था, जिसमें पेशवाओं की हार हुई थी, और अंग्रेज़ों की फौज में दलित सैनिक थे. दलित इसी युद्ध की वर्षगांठ को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाते हैं. बताया गया है कि अंग्रेज़ों की जीत पर मनाए जा रहे जश्न का ही सोमवार को एक गुट द्वारा विरोध किया गया था, जिसके बाद हिंसा भड़की. मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह चुके हैं कि कोरेगांव हिंसा की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी जाएगी. युवाओं की मौत के मामले में सीआईडी जांच करेगी, और मृतकों के परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा|