कांग्रेस राजस्थान में भी खेलेगी मंदिर पॉलिटिक्स

जयपुर. कांग्रेस पार्टी गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत तो नहीं दर्ज कर पाई. लेकिन पार्टी ने गुजरात में अपने प्रदर्शन से लोगों का दिल जरूर जीत लिया. कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि इस जीत के पीछे कहीं ना कहीं कांग्रेस की गुजरात की मंदिर रणनीति भी रही है.

कांग्रेस पार्टी एक बार फिर जोर-शोर से आगे के चुनावों की तैयारी में लग गई है. अब राजस्थान में चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में भी कांग्रेस मंदिर पॉलिटिक्स कर सकती है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस के जानकारों की मानें तो एआईसीसी ने राजस्थान कांग्रेस से प्रदेश के जिलेवार बड़े मंदिरों की जानकारी मांगी है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन मंदिरों में दर्शन करने आ सकते हैं. इनमें अजमेर के पुष्कर के ब्रहमा मंदिर, अलवर जिले के भतृहरी मंदिर शामिल हैं.

इसके अलावा जो लिस्ट राजस्थान कांग्रेस की ओर से भेजी गई है उसमें चित्तौड़गढ़ के सांवलियाजी, राजसंमद के चारभुजाजी, नाथद्वारा में श्रीनाथजी, बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी, करौली में मदनमोहनजी, कैलादेवी, सालासार बालाजी, बीकानेर जिले के जम्भेश्वर मंदिर, देशनोक करणी माता, जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर शामिल हैं. उम्मीद की जा रही है कि इन मंदिरों में राहुल गांधी दर्शन करने जा सकते हैं.

गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर में जाने पर विवाद शुरू हो गया था. विवाद की वजह यह थी कि राहुल गांधी वहां गैर हिंदू की हैसियत से पहुंचे थे. इस मामले में सफाई देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गांधी न केवल हिंदू हैं, बल्कि वे ‘जनेऊ धारी’ हैं. दरअसल मंदिर में एंट्री के लिए राहुल गांधी एक दिन पहले अहमद पटेल के साथ इजाजत लेने पहुंचे थे. आपको बता दें कि सोमनाथ मंदिर में हिंदुओं के प्रवेश की कोई रोकटोक नहीं है. लेकिन गैर हिंदुओं को प्रवेश की इजाजत लेनी पड़ती है. ऐसे में अहमद पटेल के साथ राहुल गांधी का भी मंदिर में प्रवेश के लिए इजाजत लेना चौंकाने वाली बात थी.

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