इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोप का जवाब देने पर चर्चा के लिए मंत्रिमंडल और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने 33 अरब डॉलर की सहायता के बदले में आतंकवादियों को पनाह देकर अमेरिका के साथ धोखा किया है. ट्रंप ने सोमवार (1 जनवरी) को पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने अमेरिकी नेताओं को ‘‘मूर्ख’’ समझकर पिछले 15 वर्षों में दी गई सहायता राशि के बदले में अमेरिका को ‘‘झूठ और धोखे’’ के सिवाए कुछ नहीं दिया और आतंकवादियों को ‘‘पनाहगाह’’ मुहैया कराई.
पाकिस्तान पर अब तक का सबसे करारा हमला करते हुए ट्रंप ने साल के पहले ट्वीट में यह संकेत भी दिया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली विदेशी सहायता रोकी जा सकती है. बाद में व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोक दी है. उसने कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ किस तरह की ठोस कार्रवाई करता है.
रेडियो पाकिस्तान ने बताया कि अब्बासी मंगलवार (2 जनवरी) को संघीय मंत्रिमंडल के बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें अन्य मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा होगी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में चर्चा का मुख्य विषय ट्रंप की टिप्पणी होगी. राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद मंत्रिमंडल की बैठक होगी. प्रधानमंत्री एनएससी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें देश और क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा की जाएगी. बैठक में विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ, गृह मंत्री अहसान इकबाल, रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर-खान, सेवाओं के प्रमुख और वरिष्ठ असैन्य एवं सैन्य अधिकारी शामिल होंगे. सूत्रों ने बताया कि एनएससी की बैठक में यह तय करने में मदद मिलेगी कि अमेरिका के ताजा आरोप का अंतिम जवाब क्या दिया जाए.
ट्रंप ने अगस्त में पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ट्रंप की ताजा टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने में सतर्कता बरत रहा है और अभी तक केवल विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ही इस पर प्रतिक्रिया दी है. आसिफ ने सोमवार (1 जनवरी) को ट्वीट कर कहा था, ‘‘इंशाअल्लाह, हम जल्द ही राष्ट्रपति ट्रंप के ट्ववीट का जवाब देंगे. दुनिया को सच, तथ्यों और कहानियों के बीच का फर्क बताएंगे.’’
अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि फिलहाल रोक दी है. व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवाए कुछ ना देने और पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बदले में आतंकवादियों को ‘पनाहगाह’ देने का आरोप लगाया. इसके बाद ही अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, ‘अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए वित्त वर्ष 2016 में 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए.’ अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा.