नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 1,771.67 करोड़ रुपये का अप्रत्याशित लाभ हुआ है. यह उसके दूसरे तिमाही के मुनाफे से भी अधिक है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एसबीआई चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों अप्रैल-नवंबर के दौरान ग्राहकों द्वारा अपने बचत खातों में मासिक आधार पर औसतन न्यूनतम शेष या बैलेंस नहीं रखने पर यह राशि जुर्माने के रूप में वसूली है. एसबीआई के बचत खाताधारकों की संख्या 40.5 करोड़ है. एसबीआई ने करीब छह साल बाद 1 अप्रैल, 2017 से मासिक औसत शेष (एमएबी) शुल्क को फिर से लागू किया है.
बैंक ने बयान में कहा, ‘‘महानगरों में औसत 3,000 रुपये के बैलेंस पर एसबीआई को मासिक छह रुपये मिलते हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये के न्यूनतम शेष पर बैंक को सिर्फ दो रुपये प्राप्त होते हैं. बैंक द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को देखते हुए यह राशि काफी कम है. इन सेवाओं में मुफ्त चेकबुक, एटीएम से आठ मुफ्त लेनदेन और मुफ्त शाखा लेनदेन शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंक ने अप्रैल से नवंबर के दौरान अपने ग्राहकों द्वारा खातों में निर्धारित न्यूनतम राशि नहीं रखने पर 1,771.67 करोड़ रुपये वसूले. एक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर सिर्फ 97.34 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है.
जिन अन्य बैंकों ने ग्राहकों से 50 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला है उनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक और इंडियन बैंक शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि एसबीआई का जुलाई-सितंबर तिमाही का शुद्ध लाभ 1,581.55 करोड़ रुपये रहा है जो उसके द्वारा वसूले गए जुर्माने से कम है.