IAS अधिकारी दीपक आनंद के ठिकानों पर छापा

नौकरी के 10 साल में करोड़ों की काली कमाई करने वाले IAS अधिकारी दीपक आनंद पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कस गया है. बुधवार को आर्थिक अपराध इकाई (एसवीयू) ने उनके  बिहार के सीतामढ़ी समेत विभिन्न ठिकानों पर छापा मारकर एक करोड़ 55 लाख से अधिक की काली कमाई का पता लगाया. छापेमारी देर रात तक चलती रही.

बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में छपरा के डीएम पद से मार्च 2017 में गंगा में हुई नाव दुर्घटना के कारण पद से हटाए गए दीपक आनंद इन दिनों पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे और पटना के सर्किट हाउस के एक कमरे में रह रहे थे. वहां छापे में 76 लाख से अधिक के चल-अचल संपत्ति का पता चला है. उनके पैतृक गांव सीतामढ़ी में भी छापे डाले गए. कटिहार में मेडिकल की पढ़ाई कर रहीं उनकी पत्नी के कमरे को भी सील कर दिया गया है.

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2007 बैच के अधिकारी दीपक आनंद बांका और समस्तीपुर के भी जिलाधिकारी रह चुके हैं. उन्होंने बतौर आइएएस अपने करियर की शुरुआत बेतिया के अनुमंडलाधिकारी के रूप में वर्ष 2008 में की थी.

एसवीयू के आइजी रत्न संजय कटियार ने कहा कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया गया है. विशेष निगरानी इकाई की टीम सबसे पहले वहां पहुंची. यहां उनके कमरे की तलाशी ली गई तो 25 लाख रुपये के किसान विकास पत्र, 27 लाख, 50 हजार रुपये के पोस्टल डिपॉजिट से संबंधित कागजात और 25 लाख रुपये के स्वर्णाभूषण की खरीद की रसीद मिली है.

अधि‍कारी के पटना, सीतामढ़ी कटिहार और झारखंड तक छापे पड़े हैं. मूलरूप से वह सीतामढ़ी के रहने वाले हैं. एसवीयू की एक टीम ने सीतामढ़ी में छानबीन किया. कटिहार में उनकी पत्नी एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं. एसवीयू ने उनकी पत्नी के हॉस्टल के कमरे को भी सील कर दिया है.

वर्ष 2007 से लेकर अब तक उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति का जब एसवीयू ने हिसाब लगाया तो पाया कि इस अवधि में उन्होंने अपनी कमाई से 11 लाख, 76 हजार का बचत किया होगा, लेकिन उनके पास से अभी कमरे से ही एसवीयू को एक करोड़, 66 लाख, 86 हजार की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज मिल गए.

अनुमान है कि इनमें से एक करोड़, 55 लाख, 10 हजार रुपये काली कमाई के हैं. उनके खिलाफ डीए केस दर्ज कर लिया गया है. कमाई से 1300 प्रतिशत अधिक काली कमाई उन्होंने जुटाई है. आइएएस अधिकारी दीपक आनंद तब सुर्खियों में आए थे, जब सारण के डोरीगंज से बालू के उठाव में उनकी बालू माफिया के साथ सांठगांठ की खबरें सामने आई थी.

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