गुरमीत राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसान का 6 दिन का रिमांड सोमवार को पूरा हो गया. 6 दिनों की रिमांड के दौरान पुलिस ने हनीप्रीत से 40 से अधिक सवाल पूछे जिनमें से ज्यादातर का जवाब वह नहीं दे पाई. पुलिस ने उस पर गुमराह करने, झूठ बोलने और गलत जानकारी देने के आरोप लगाए हैं. पुलिस के मुताबिक 6 दिनों के रिमांड के दौरान वह हनीप्रीत से वांछित जवाब हासिल नहीं कर पाई जो प्रॉसिक्यूशन के लिए जरूरी है.
पंचकूला हिंसा की जांच कर रही पुलिस ने हनीप्रीत के लिए अब 300 सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की है. उसे डेरा से जुड़े दूसरे लोगों के सामने भी क्रॉस एग्जामिनेशन करने का प्लान है. इसके लिए पुलिस पंचकूला की अदालत से रिमांड को बढ़ाने का आग्रह कर सकती है. जिन लोगों के सामने क्रॉस एग्जामिनेशन किया जाना है उनमें डेरा प्रबंधन समिति की चेयर पर्सन विपासना इंसां भी शामिल है. अब तक हनीप्रीत के ड्राइवर राकेश कुमार अरोड़ा के सामने भी उससे पूछताछ की जा चुकी है.
6 दिनों के इंटेरोगेशन के के दौरान हनीप्रीत ने जो खास राज उगले उगले हैं उनमें सबसे बड़ा राज उसकी सीक्रेट डायरी का है जिसमें डेरा सच्चा सौदा से जुड़े लेनदेन, सीक्रेट बैठकों और दूसरे गोपनीय राज लिखे गए हैं. यह डायरी हनीप्रीत इंसां ने 25 अगस्त को डेरा में ही कहीं छुपा कर रख दी है पुलिस इस डायरी को हासिल करना चाहती है.
– हनीप्रीत इंसां ने कबूल किया है की उसने 38 दिनों की फरारी के दौरान लोगों से बातचीत करने के लिए WhatsApp नामक चैट एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया. इसके अलावा इंटेरोगेशन के दौरान हनीप्रीत द्वारा बनाई गई गुरलीन इंसान नाम से Facebook ID भी सामने आई है. पुलिस का मानना है कि हनीप्रीत इस ID के जरिए भी लोगों के संपर्क में थी.
– हनीप्रीत ने कबूला है कि वह पंचकूला हिंसा के बाद फरार चल रहे डेरा के प्रवक्ता डॉक्टर आदित्य इंसां और पवन इंसां के संपर्क में थी. लेकिन इसमें पुलिस को यह नहीं बताया कि उसने उनके साथ कितनी बार और क्या बात की, क्या उन को छिपाने में उसकी कोई भूमिका थी.
– हनीप्रीत इंसां ने कबूला है कि उसका मोबाइल फोन और उसके नाम से पंजीकृत सिम कहीं खो गया है. उसके साथ गिरफ्तार गुरमीत राम रहीम के ड्राइवर इकबाल सिंह की पत्नी सुखदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि हनीप्रीत का मोबाइल फोन पंजाब के तरनतारन के एक गांव में है.
– हनीप्रीत ने स्वीकारा है कि 38 दिनों की फरारी के दौरान उसने कई सिमकार्ड्स का इस्तेमाल किया. वहीं सुखदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि हनीप्रीत अक्सर सिम कार्ड का इस्तेमाल करके उसे या तो नष्ट कर देती थी या फिर फेंक देती थी.
राज अभी बाहर आने बाकी हैं
– डेरा से निकाले गए करोड़ों रुपए आखिर कहां छिपाए गए हैं. हनीप्रीत सहित डेरा के कुछ लोगों पर आरोप है कि उन्होंने डेरा की फैक्ट्रियों, फिल्म थिएटर, रिसोर्ट, दुकानों और दान की धनराशि निकालकर किसी दूसरी जगह पर छुपा कर रखी है. सूत्रों की मानें तो हनीप्रीत की डायरी में इस खजाने का राज भी है. इससे पहले 65 जप्त की गई कंप्यूटर हार्ड डिस्क में से एक के डाटा की रिकवरी से 700 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हो चुका है.
– डेरा सच्चा सौदा की बेनामी कंपनियों का राज भी हनीप्रीत के पास है. सूत्रों की मानें तो डेरा प्रमुख ने 80 के करीब फर्जी कंपनियां बनाई थीं जिनमें गैर कानूनी पैसा लगाया गया था. पैसे का ज्यादातर लेनदेन और डेरा का वित्तीय प्रबंधन हनीप्रीत के हाथों में था.
– पंचकूला हिंसा की रूपरेखा तैयार करने के लिए 17 अगस्त को जो बैठक सिरसा में आयोजित की गई थी उसमें हनीप्रीत का क्या रोल था.
– 25 अगस्त को पंचकूला हिंसा के लिए पांच करोड़ रुपए की धनराशि कहां से आई थी. क्या हिंसा सचमुच हनीप्रीत इंसां के कहने पर फैलाई गई थी. पंचकूला के डेरा इंचार्ज चमकौर सिंह ने पुलिस को बताया है कि हनीप्रीत ने उसे 1.25 करोड़ रुपए दिए थे.
– गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत इंसां के बीच क्या रिश्ता है. क्या हनीप्रीत सचमुच गुरमीत राम रहीम के सामने साध्वियों को परोसती थी. और क्या बलात्कार के मामले उजागर होने के बाद गुरमीत राम रहीम के लिए वह दूसरे राज्यों से महिलाओं का प्रबंध करती थी.
– 38 दिनों की फरारी के दौरान हनीप्रीत इंसां की मदद किसने की. कौन उसे नकदी उपलब्ध करवाता रहा और किस-किस ने उसे पनाह दी.
– हनीप्रीत इंसां ने अपनी फरारी के दौरान 17 विभिन्न SIM कार्ड का इस्तेमाल किया है जिसमें से तीन विदेशी भी बताए जा रहे हैं. आखिर वह विदेश में किस से बात करती थी. कौन-कौन उसके संपर्क में था यह फिलहाल एक गहरा राज है.