लखनऊ: जनता की शिकायतें न सुनने वाले अफ़सरों पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करने का एलान किया है. लखनऊ में मुख्य मंत्री हेल्पलाइन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने इस फ़ैसले के बारे में बताया. योगी ने कहा कि अब अफ़सरों का एसीआर लिखते हुए भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा. ये पहला मौक़ा है जब आईएएस और आईपीएस अफ़सरों का रिपोर्ट कार्ड इस तरह से तैयार होगा. यूपी में इस तरह की शिकायतें आम हैं कि पब्लिक की अधिकारी सुनते नहीं हैं. कुछ तो ऐसे भी हैं जो सीएम के आदेश वाली फ़ाइल भी दबा देते हैं. योगी सरकार ने अब ऐसे अफ़सरों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने का मूड बना लिया है.
योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में सीएम हेल्पलाइन की शुरूआत की. अब राज्य के कोने कोने से लोगों को लखनऊ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. अब वे अपने घर बैठे फ़ोन कर सीएम से मदद मांग सकते हैं. इससे पहले लोगों को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आना पड़ता था. कई बार भीड़ अधिक होने पर ख़ाली हाथ घर लौटना पड़ता था.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब तक शिकायत करने वाला संतुष्ट नहीं हो जाता है, तब तक फ़ाइल बंद नहीं होगी. सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायत करने वालों पर भी कार्रवाई की व्यवस्था है. कई बार लोग आपसी रंजिश या फिर बेवजह झूठी शिकायत कर देते हैं. ऐसे लोगों पर मुक़दमा भी हो सकता है.
मुख्य मंत्री हेल्पलाइन में शुरूआत में 5 सौ लोगों को फ़ोन सुनने के लिए रखा गया है. बाद में इसे बढ़ा कर एक हज़ार करने की तैयारी है. एक बार में 80 फ़ोन कॉल रिसीव किए जा सकते हैं. जब आप फ़ोन करेंगे तो डायल टोन के बाद योगी आदित्यनाथ का मैसेज सुनाई पड़ेगा.
मुख्य मंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जन सुनवाई पोर्टल शुरू किया था. औसतन हर दिन कम से कम 6 हज़ार शिकायतें मिलती थीं. लेकिन कई लोग अब भी कंप्यूटर पर काम नहीं कर पाते हैं. इसीलिए देहात के इलाक़ों के लोग इस सुविधा का फ़ायदा नहीं ले पाए.
यूपी का सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन का कार्यक्रम शुरू किया था. वे नियमित रूप से डेढ़ – दो घंटे पब्लिक से मिल कर उनकी बातें सुनते रहे हैं. योगी ने पताया कि पहले साल में ही 22 लाख लोग राज्य भर से उनके पास आए थे. पुलिस थाने से लेकर तहसील और अस्पतालों की अधिकतर शिकायतें आती थीं. योगी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन से उन्हें सरकारी योजनाओं से लेकर बाबुओं और अफ़सरों के भी फ़ीडबैक मिलता रहेगा.