मिलिंद देवड़ा ने 26 जून को नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह पद फौरन छोड़ने की इच्छा जताई थी. हालांकि, उन्होंने कहा, ”…मैं मुंबई कांग्रेस को दिशानिर्देश देना और एकजुट करना जारी रखूंगा.”
मुंबई कांग्रेस प्रमुख मिलिंद देवड़ा ने इस पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी और कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की आशा करते हैं. देवड़ा ने इस साल के आखिर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक नगर पार्टी इकाई के कामकाज की देखरेख के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की सदस्यता वाली एक अस्थायी सामूहिक नेतृत्व (समिति) गठित करने की सिफारिश की है.
हालांकि, उन्होंने कहा, ”…मैं मुंबई कांग्रेस को दिशानिर्देश देना और एकजुट करना जारी रखूंगा.” देवड़ा के कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी किया और कहा कि बीजेपी-शिवसेना का मुकाबला करना और ‘वंचित बहुजन आघाडी’ (प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाला समूह) के प्रभाव को अस्वीकार करना एक चुनौती है. उन्होंने 26 जून को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह पद फौरन छोड़ने की इच्छा जताई थी.
बयान में कहा गया है, ”इस बात से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल को अवगत करा दिया गया है.” संपर्क किए जाने पर देवड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हकीकत बदल चुकी है. उन्होंने कहा, ”हम सभी को वक्त की दरकार के मुताबिक भूमिकाएं निभाने के लिए तैयार होना होगा.”
इस साल हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले देवड़ा को मुंबई कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था. उन्होंने कहा, ”मैंने पार्टी को एकजुट करने के लिए एमआरसीसी की अध्यक्षता करना स्वीकार किया था. मैंने राहुल गांधी से मिलने के बाद महसूस किया कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए.” गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के दो दिन बाद राहुल ने 25 मई को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. देवड़ा ने लोकसभा चुनाव मुंबई-दक्षिण सीट से लड़ा था लेकिन शिवसेना के अरविंद सावंत से वह हार गए थे.