भारत ने भूटान और बांग्लादेश को आपस में जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी में एक रिवर रूट को खोल दिया है।

बांग्लादेश के लिए भूटान से सस्ती और उच्च क्वॉलिटी की निर्माण सामग्री जैसे- स्टोन चिप्स आदि मंगवाना बेहद आसान हो गया है। भारत ने भूटान और बांग्लादेश को आपस में जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी में एक रिवर रूट को खोल दिया है।

शुक्रवार को ऐसी पहली शिप असम के धुबरी रिवरपोर्ट से बांग्लादेश के नारायणगंज के लिए रवाना हुई। इस शिप में भूटान से आया हुआ 70 ट्रकों के बराबर क्रश्ड स्टोन भरा हुआ था। शिप को हरी झंडी दिखाते हुए शिपिंग मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने कहा, ‘यह पहली बार है कि जब भारत के वॉटरवे को दो देशों को आपस में जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा हो।’भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन प्रवीर पांडेय ने बताया कि क्रश्ड स्टोन को ट्रकों के जरिए भूटान के फुएंतशिलिंग से असम के धुबरी जेटी तक लाया गया था। शुक्रवार को रवाना हुई शिप बांग्लादेश के लिए नारायणपुर तक 600 किमी की दूरी करीब 6 दिनों में पूरी करेगी।
अभी तक ट्रकों के जरिए होता था दोनों देशों के बीच व्यापार बता दें कि अभी तक बांग्लादेश बिल्डिंग मटीरियल ट्रकों के जरिए ही मंगाता था, लेकिन उसमें कई दिक्कतें आती थीं। ट्रकों के जरिए आने वाले माल को बांग्लादेश की सीमा पर रोक दिया जाता था और फिर उसे बांग्लादेश के ट्रकों में भरा जाता था। इस प्रक्रिया में अकसर कई दिन लग जाते थे।
जलमार्ग खुलने से दोनों देशों को होगा काफी फायदा
एक अधिकारी ने बताया, ‘अब जलमार्ग के जरिए माल ढोने से इस प्रक्रिया में लगने वाले करीब 10 अतिरिक्त दिनों की बचत होगी, साथ ही परिवहन लागत में भी 30 फीसदी की कमी आएगी।’ बता दें कि इस परियोजना के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने रूट पर ड्रेजिंग की थी। ब्रह्मपुत्र को राष्ट्रीय जलमार्ग-2 घोषित किया गया है।

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