नई दिल्ली: नवगठित प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) की पहली बैठक बुधवार (11 अक्टूबर) को होगी. यहां जारी एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है. नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय की अध्यक्षता में परिषद का गठन इस साल 26 सितंबर को किया गया. इसमें सदस्य सचिव के रूप में नीति आयोग के प्रधान सलाहकार रतन पी वाटल के अलावा डा. सुरजीत भल्ला, डा. रथिन राय और डा. आशिमा गोयल बतौर अंशकालिक सदस्य शामिल हैं.
इस नवगिठत परिषद का काम सभी महत्वपूर्ण मुद्दों, आर्थिक या प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें भेजे जाने वाले अन्य मुद्दों का विश्लेषण करना और उस पर उन्हें (प्रधानमंत्री) सलाह देना है. इसके अलावा परिषद के ऊपर वृहत आर्थिक महत्व के मुद्दों का समाधान करने और उस पर अपने विचार देने की जिम्मेदारी है.
सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान आकस्मिक महत्व के सभी मुद्दों पर चर्चा होगी और हर क्षेत्र के हितधारकों के साथ आदान-प्रदान किया जाएगा. बैठक से पूर्व सोमवार (9 अक्टूबर) को परिषद के अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय ने कई हितधारकों के साथ बातचीत की.
बयान में कहा गया है कि परिषद में प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ शामिल हैं और उन्हें प्रधानमंत्री की तरफ से भेजे गए सभी महत्वपूर्ण आर्थिक और अन्य मुद्दों का विश्लेषण करने और उस पर प्रधानमंत्री को सलाह देने का अधिकार है.बयान में कहा गया है, “इस पर (परिषद) व्यापक आर्थिक महत्व के मुद्दों का भी विश्लेषण करने और उस पर अपनी राय रखने की जिम्मेदारी है.” इससे पहले, परिषद ने नौ अक्तूबर को नीति आयोग में विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श किया था.
‘भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, दूसरी तिमाही में सुधरेगी जीडीपी’
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बीते शनिवार (7 अक्टूबर) को कहा था कि आर्थिक वृद्धि दर में पहली तिमाही में आई गिरावट अस्थायी है और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन सुधरेगा क्योंकि इसकी वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है. आईटी व विधि मंत्री प्रसाद ने यहां कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था के वृहद कारक काफी मजबूत हैं इसलिए आने वाले दिनों में वृद्धि दर निश्चित रूप से सुधरेगी. प्रसाद ने कहा, ‘जीडीपी वृद्धि दर 2014-15 में 7.5 प्रतिशत, 2015-16 में 8 प्रतिशत व 2016-17 में 7.1 प्रतिशत बढ़ी. केवल एक तिमाही जो कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही. मेरा मानना है कि दूसरी तिमाही में यह फिर तेज होगी.’
पहली तिमाही में वृद्धि दर में नरमी के लिए जीएसटी की शुरुआत के कारण अर्थव्यवस्था में आई उठापटक को जिम्मेदार बताते हुए प्रसाद ने कहा, ‘जब हम कोई पुल बनाते हैं तो ट्रैफिक का रास्ता बदलना पड़ता है, वाहनों की कतारें भी लगती हैं. लेकिन यह अस्थायी होता है क्योंकि पुल खुलने पर चीजें सामान्य हो जाती हैं.’ मंत्री ने कहा, ‘इसी तरह जीएसटी एक नयी व्यवस्था है जिससे धक्का लगा है. लेकिन चूंकि हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, हम निश्चित रूप से सुधार दर्ज करेंगे.’