मुंबई: कांग्रेस के सीनियर नेताओं से सुरक्षा की मांग की कर्नाटक के बागी विधायकों ने

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा से पिछले सप्ताह इस्तीफा देने के बाद मुंबई के एक होटल में ठहरे 14 विधायकों ने एक बार फिर मुंबई पुलिस को खत लिखते हुए कांग्रेस के सीनियर नेताओं से सुरक्षा की मांग की है. जिन नेताओं से उन्होंने खतरा बताया है, उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हैं, जो उनसे मिलने की कोशिश कर सकते हैं. खड़गे और कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी परमेश्वर बागी विधायकों को मनाने के लिए आज मुंबई के होटल जा सकते हैं.
बागी विधायकों ने अपने खत में गुलाम नबी आजाद के नाम का भी जिक्र किया है. खत में लिखा है, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आज़ाद जी या महाराष्ट्र और कर्नाटक कांग्रेस टीम के किसी नेता या किसी अन्य राजनीतिक नेता या किसी अन्य राजनीतिक नेता से मिलने का हमारा कोई इरादा नहीं है. हम उनसे गंभीर खतरे की आशंका जताते हैं.’

अगर कांग्रेस के ये नेता उनसे मिलने की कोशिश करते हैं तो ये बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि कर्नाटक के बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता पर मंगलवार तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा.

बता दें, कर्नाटक में संकटग्रस्त कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन रविवार को गहन वार्ता में जुटे रहे जिससे सरकार को बचाने के लिये आगे की रणनीति तय की जा सके. वहीं, इस्तीफा देने वाले कांग्रेसी विधायक एम टी बी नागराज को मनाने की कोशिश रविवार को नाकाम हो गई. वहीं, मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के इस हफ्ते संभावित विश्वास मत से पहले इस्तीफा देने वाले कुछ विधायकों को मनाने की पुरजोर कोशिशें चल रही हैं, खास तौर पर कांग्रेस से सात बार विधायक रहे रामलिंगा रेड्डी को.

इस बीच मुंबई में रुके बागी विधायकों ने यह स्पष्ट किया कि वे एकजुट हैं और अपने इस्तीफे को लेकर “दृढ़” हैं. राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने जोर देकर कहा कि गठबंधन बहुमत गंवा चुका है और मांग की कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी तत्काल इस्तीफा दें या सोमवार को विश्वास मत हासिल करें. कांग्रेस के 13 और जद (एस) के तीन विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक की एच डी कुमारस्वामी सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गयी है. दो निर्दलीय विधायकों ने भी कर्नाटक सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इन दोनों विधायकों को हाल ही में मंत्री बनाया गया था.

गठबंधन नेताओं को रविवार सुबह तब झटका लगा जब गठबंधन नेताओं के साथ शनिवार को लंबी बातचीत के बावजूद बागी विधायक एम. टी. बी नागराज रविवार दोपहर मुम्बई पहुंच गये और वहां पहले से डेरा डाले अन्य बागी विधायकों से मिले.

मुंबई पहुंचने पर नागराज ने संवाददाताओं से बातचीत में यह स्पष्ट किया कि इस्तीफा वापस लेने का कोई सवाल नहीं है और वह अपने फैसले को लेकर ‘दृढ़’ हैं. नागराज ने कहा था कि चिकबल्लापुर के विधायक के सुधाकर के साथ बातचीत के बाद ही इस्तीफा वापस लेने के विषय पर वह अंतिम निर्णय ले पायेंगे.

उन्होंने बेंगलुरु में अपने निवास से विदा होने से पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह चिकबल्लापुर विधायक के सुधाकर से बातचीत के बाद इस्तीफा वापस लेने पर अंतिम फैसला लेंगे क्योंकि दोनों ने 10 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष को एक साथ इस्तीफा सौंपा था.

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