नई दिल्ली-मोदी ने नहीं की ट्रम्प से कश्मीर पर मध्यस्थता की बात

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता वाले बयान पर मंगलवार को संसद में हंगामा मच गया। कांग्रेस सांसदों ने इसे दोनों सदनों में उठाया। दरअसल, ट्रम्प ने दावा किया था कि मोदी ने हालिया मुलाकात में उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा था। इस पर विपक्ष ने सुबह चर्चा के बाद प्रधानमंत्री से मुद्दे पर जवाब मांगा। सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ट्रम्प से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने की मांग नहीं की थी।

जयशंकर ने कहा कि भारत की स्थिति साफ रही है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाएगा। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए उसका सीमा पार आतंकवाद बंद करना जरूरी है।

प्रधानमंत्री से जवाब मांग रहा विपक्ष

कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने लोकसभा और सीपीआई के सांसद डी. राजा ने राज्यसभा में इस मामले पर तुरंत चर्चा की मांग की थी। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में बातचीत भी की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री के बयान देने तक दोनों सदनों की कार्रवाई स्थगित करने की बात हुई।

ट्रम्प को अंदाजा नहीं वह क्या कह रहे हैं: थरूर
इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने कहा था कि मुझे वाकई नहीं लगता है कि ट्रम्प को थोड़ा भी अंदाजा है कि वह क्या बात कर रहे हैं? या तो उन्हें किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी या वह समझे नहीं कि मोदी क्या कह रहे थे या फिर भारत का तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर क्या स्टैंड है। विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि दिल्ली ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है।

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