अमेरिकी नियामक ने बुधवार को डाटा चोरी के मामले में फेसबुक पर 34 हजार करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना फेसबुक के बाजार मूल्य का एक फीसदी है। इसी के साथ कंपनी के कारोबार परिचालन पर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और उसे अपने लिए एक संशोधित कारपोरेट ढांचे की रुपरेखा सौंपने को कहा गया है।संघीय व्यापार आयोग के मुताबिक, अमेरिका में निजता के उल्लंघन के मामले में किसी कंपनी पर लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। मार्च 2018 में फेसबुक के डाटा लीक का सबसे बड़ा मामला सामने आया था। आयोग ने फेसबुक को यूजर्स के डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा में चूक का दोषी पाया है। आयोग के अध्यक्ष जो सिमंस ने कहा कि फेसबुक लगातार वादा कर रहा था कि वह दुनियाभर में इस पर नियंत्रण करने की कोशिश करेगा कि उसके यूजर्स की निजी जानकारी किस तरह से शेयर की जाए। लेकिन फेसबुक ने यूजर्स को निराश किया। सिमंस ने कहा कि आयोग के इतिहास में 5 अरब डॉलर का यह जुर्माना अभूतपूर्व है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है ताकि भविष्य में होने वाले उल्लंघनों को रोका जा सके। इसके अलावा निजता को लेकर फेसबुक की लगातार उल्लंघनों की संस्कृति को बदला जा सके।
स्वतंत्रत गोपनीयता कमेटी बनाने का भी आदेश :
जुर्माने के अनुबंध में साफ किया गया है कि फेसबुक के बोर्ड निदेशको के बीच एक स्वतंत्र प्राइवेसी कमेटी बनाई जाएगी। जो यूजर की निजता से जुड़े फैसलों पर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का नियंत्रण खत्म कर देगी। कमेटी को निजता को लेकर नया दृष्टिकोण देना होगा।
दो सदस्यों ने कहा, जुर्माना ज्यादा होना चाहिए था
फेसबुक ने अपने खिलाफ जांच शुरू होने के बाद ही कानूनी समझौते के लिए तीन से पांच अरब डॉलर का प्रस्ताव रखा था। आयोग ने जांच खत्म करने के लिए इन्हीं शर्तों के तहत कंपनी पर जुर्माने की रकम तय की। हालांकि, फैसला देने वाले आयोग के दो सदस्यों ने कहा कि जुर्माने की रकम पांच अरब डॉलर से ज्यादा होनी चाहिए।
10 करोड़ डॉलर का जुर्माना बाजार नियामक को देगा
इसके अलावा कैंब्रिज एनालिटिका डाटा चोरी मामले की जांच में शेयर बाजार नियामक के साथ अलग से हुए समझौते में फेसबुक 10 करोड़ डॉलर का जुर्माना अदा करने पर सहमत हुआ है। उस पर यह जुर्माना फेसबुक के उपयोक्ता आंकड़ों के दुरुपयोग के जोखिम से जुड़ी गलत जानकारी देने के लिए लगाया गया है।
8.7 करोड़ यूजर्स के डाटा चोरी का मामला
ब्रिटिश फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका को डाटा लीक करने के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की अमेरिकी संसद में भी पेशी हुई थी। उसके बाद आयोग ने जांच शुरू कर दी थी। कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डाटा हासिल किया था। फेसबुक को इस बात की जानकारी थी।