कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी ट्विस्ट ऐंड टर्न जारी है। शुक्रवार को जेडीएस विधायकों की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के सामने दो गुट उभर आए। इसमें एक ने बीजेपी को बाहर से समर्थन देने की मांग की है।
बेंगलुरु
कर्नाटक में लंबे सियासी ड्रामे के बाद बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। हालांकि उनकी मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुई है। सरकार स्थिर बनाए रखने के लिए 29 जुलाई को उन्हें विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करना होगा। इस बीच खबर है कि जेडीएस के कुछ विधायकों ने एच डी कुमारस्वामी से कर्नाटक में बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन देने की मांग की है। इस मसले पर जेडीएस के नेता शुक्रवार रात की बैठक में माथापच्ची करते रहे। हालांकि विधायकों का कहना है कि इस बारे में आखिरी फैसला कुमारस्वामी ही लेंगे।
कर्नाटक के पूर्व मंत्री और जेडीएस नेता जी टी देवगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी के कुछ विधायकों ने एचडी कुमारस्वामी से कर्नाटक में बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन देने की बात कही है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री अंतिम निर्णय करेंगे। सत्ता से बाहर होने के सिर्फ चार दिन के बाद ही जेडीएस के विधायक अगले कदम को लेकर विभाजित नजर आ रहे हैं। पार्टी के भविष्य की रणनीति के संबंध में कुमारस्वामी द्वारा शुक्रवार रात बुलाई गई बैठक में विधायकों में मतभेद उभरकर सामने आए।
कुमारस्वामी लेंगे आखिरी फैसला
पार्टी विधायकों से यहां मिलने के बाद जी टी देवगौड़ा ने कहा, ‘हमने (विधायकों) भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया कि हमें विपक्ष में बैठना चाहिए जबकि कुछ विधायकों की राय है कि हमें बाहर से बीजेपी को समर्थन देना चाहिए।’ बता दें कि येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई है।
29 जुलाई को साबित करेंगे बहुमत
दरअसल कर्नाटक के नवनियुक्त सीएम बीएस येदियुरप्पा को 29 जुलाई को विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास करना है। फिलहाल 3 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद असेंबली की स्ट्रेंथ अब भी 222 बनी हुई है। बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा को 112 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा। ऐसे में जरूरी है कि बागी विधायक येदियुरप्पा की सरकार के समर्थन में या तो वोट डालें या फिर सदन की कार्यवाही में हिस्सा ना लें। ऐसे में सदन का संख्याबल कम हो जाएगा और येदियुरप्पा सदन में बहुमत साबित कर लेंगे।
3 अयोग्य विधायक जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता खोने वाले तीन बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि गुरुवार को स्पीकर के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जारकिहोली और महेश कुमातहल्ली के साथ-साथ कर्नाटक प्रजाकीय जनता पार्टी के विधायक आर शंकर को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया था। ये विधायक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक यानी 2023 तक अयोग्य रहेंगे।
येदियुरप्पा ने बदली नाम की स्पेलिंग
उधर सीएम बनते ही येदियुरप्पा ने अपने नाम की स्पेलिंग में परिवर्तन किया है। उन्होंने अपने नाम से एक अतिरिक्त ‘डी’ हटा दिया है और उसकी जगह ‘आई’ जोड़ दिया है। यानी अब स्पेलिंग Yeddyurappa से Yediyurappa हो गई है। कहा जा रहा है कि ऐसा उन्होंने अपने ज्योतिष के कहने पर किया है। येदियुरप्पा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी नाम बदल लिया है।
पिछले साल सिर्फ दो दिन मुख्यमंत्री रहे थे येदियुरप्पा
बता दें कि पिछले साल मई महीने में आए कर्नाटक विधानसभा के नतीजों के बाद बीजेपी 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई 2018 को सीएम पद की शपथ ली और दावा किया कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। मगर 19 मई को बहुमत परीक्षण से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया। बहुमत ना मिलने पर बीजेपी की सरकार दो ही दिन में गिरने के बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर लिया और सरकार गठन के बाद जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे।