उन्नाव रेप केस दिल्ली ट्रांसफर, सुप्रीम कोर्ट ने सभी केस दिल्ली किए ट्रांसफर

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई एक हफ्ते में पूरी करे.

उन्नाव रेप और पीड़िता के साथ एक्सीडेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज दो बार सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया है कि पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच सीबीआई एक हफ्ते में पूरी करे.

आपको बता दें कि आज इस मामले की सुनवाई अदालत में दो बार हुई. सुबह जब सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने सीबीआई अफसर को पेश होने को कहा, साथ ही पूरी स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा. जिसके बाद सीबीआई अफसर के सामने अदालत ने एक्सीडेंट की जांच को 7 दिन के अंदर पूरा करने का आदेश दिया.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साथ ही आदेश दिया कि लखनऊ में इस मामले से जुड़े जितने भी केस चल रहे हैं, उन्हें दिल्ली की अदालत में शिफ्ट किया जाएगा. इतना ही नहीं अदालत ने पीड़िता की चिट्ठी का समय पर ना मिलने पर सख्ती दिखाई, अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि PIL के सेक्शन में पीड़िता की चिट्ठी क्यों नहीं आई.

जिसपर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि हर महीने रजिस्ट्रार के पास 6000 से अधिक चिट्ठी आती हैं, इस महीने 6800 चिट्ठियां आई थीं.

सुनवाई के दौरान एमीकस क्यूरी ने कहा कि पीड़िता को मुआवजा भी देना चाहिए. जिसपर जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को इसका आदेश देंगे. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने सलाह दी कि इस मामले में अदालत को ही मुआवजा देना चाहिए, ऐसा संविधान कहता है.

जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या आपको लगता है कि इस देश में संविधान से काम हो रहा है? देश में क्या हो रहा है? अभी इस मामले में एक बार फिर गुरुवार को ही सुनवाई होगी, जिसमें पीड़िता के हालात की जानकारी अदालत को दी जाएगी.

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