जम्मू-कश्मीर: उमर बोले-हम जानना चाहते हैं कि राज्य में चल क्या रहा

उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात के बाद कहा- अफवाहों को लेकर लोगों में डर
महबूबा ने राज्यपाल से कहा- अफवाहों को दूर कीजिए, घाटी में इसके कारण तनाव बढ़ रहा
जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए कहा है
हाल ही में केंद्र सरकार ने कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त बलों को भेजा

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों से राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 35ए को लेकर कई तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर चल रही हैं। इसको लेकर कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शनिवार को मुलाकात की। उमर ने कहा, हम जानना चाहते हैं कि राज्य में चल क्या रहा है। राज्यपाल जम्मू-कश्मीर को लेकर कुछ नहीं कह रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के संबंध में राज्यपाल नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का फैसला ही अंतिम होगा।

राज्यपाल ने शुक्रवार रात को भी राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल से कहा- अफवाहों को दूर कीजिए। घाटी में इसके कारण तनाव बढ़ रहा है। अब मामला आर-पार का हो चुका है। भारत ने जनता के बजाय जमीन को तवज्जो दी। हाल ही में केंद्र सरकार ने कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त बलों की तैनाती की है। साथ ही सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर से जल्द वापस लौटने के लिए कहा है।

‘लोगों के सामने केंद्र सरकार को अपनी मंशा बतानी चाहिए’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर ने कहा, ‘‘हमने राज्यपाल से कहा कि 35ए, 370 और राज्य के विभाजन संबंधी कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। राज्यपाल को हमें इन सभी मामलों में सही जानकारी देनी चाहिए और लोगों को सुनिश्चित करना चाहिए। केंद्र सरकार को भी सोमवार को सत्र के दौरान यह बताना चाहिए कि अमरनाथ यात्रा क्यों रोकी गई और पर्यटकों को वापस लौटने के लिए क्यों कहा गया। आखिर इन सब फैसलों के पीछे सरकार की मंशा क्या है? यह लोगों को बताना चाहिए।’’

‘कश्मीरियों को सबकुछ अपने देश भारत से मिलेगा’

महबूबा ने कहा था, ‘‘मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरियों को जो कुछ मिलेगा, वह उनके अपने देश भारत से मिलेगा। लेकिन आज ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए उनके पास जो कुछ भी बचा था, यह देश उनसे वह बलपूर्वक छीनने की तैयारी कर रहा है।’’ मुफ्ती मोहम्मद सईद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक थे। दो बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे।

‘कोई छींकता भी है, तो बम फटने की खबर आती है’
राज्यपाल ने 30 जुलाई को कहा था, ‘‘सरकार ने किसी प्रकार को कोई आदेश जारी नहीं किया है। अफवाहों पर ध्यान न दें। यहां लाल चौक पर आप छींकते हैं, तो राज्यपाल भवन तक वो खबर बन जाती है कि बम फटा है।’’

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